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Sunday, December 22, 2024

LIVE : यूपी गेट पर किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ी, सिंधु बॉर्डर पर आगे की रणनीति पर चर्चा जारी

नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच के लिए राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्‍व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है। अमित शाह की अपील और पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए। यहां पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया।

किसान आंदोलन लाइव अपडेट्स-

– राकेश टिकैत ने कहा कि अभी हमें दिल्ली जाने की कोई जल्दी नहीं है। 3 तारीख को वार्ता है सरकार से। उसके बाद ही तय होगा आगे क्या करेंगे।

– रविवार दोपहर यूपी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी। इस दौरान किसानों ने दिल्ली-पुलिस की बैरिकेटिंग गिराकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

– दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार को तुरंत आयोजित की जानी चाहिए, वे हमारे देश के किसान हैं। उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां वे चाहते हैं।

बीजेपी सांसद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें। हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो।

– शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है। चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।

दूसरे राज्यों के दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों को सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर नाकेबंदी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने कहा कि हम विरोध के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्थिर संचार के लिए कोई वाहन नहीं है।

– दिल्ली उत्तरी रेंज के संयुक्त सीपी सुरेंद्र यादव ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि व्यवस्था उनके आंदोलन को सुविधाजनक बनाने के लिए हो।

बुराड़ी में राजनीतिक दलों का जमावड़ा लगा
किसानों के समर्थन में बुराड़ी के निरंकारी सत्संग मैदान में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। पंजाब में मुख्य विपक्षी दल और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी किसानों समर्थन में खुलकर सामने आ गई है। बुराड़ी मैदान में दिल्ली सरकार की ओर से सारी व्यवस्था की जा रही है। बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। शनिवार को अलका लांबा भी बुराड़ी सत्संग मैदान पहुंचीं।

किसानों को क्या है नए कानून से डर
– पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी
– उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलाएंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा
– नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली खत्म हो जाएगा। किसानों को अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा और आढ़ती भी इस धंधे से बाहर हो जाएंगे

क्या है मांग
अहम मांग इन तीनों कानूनों को वापस लेने की है जिनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे। उन्हें आशंका है कि इस कानून के बाद उन्हें बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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