दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की लंबित 14 रिपोर्ट का मामला गरमा सकता है। दिल्ली सरकार से जुड़ी 14 सीएसी रिपोर्ट डेढ़ साल तक लंबित रही। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिख कर दिल्ली विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की बात कही है। साथ ही इन्हें सदन के पटल पर रखने को कहा है।
दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले ही एलजी से इन रिपोर्ट को सदन में रखने की मंजूरी मांगी थी। सरकार की मांग पर एलजी ने उक्त रिपोर्ट को पटल पर रखने की मंजूरी दी। साथ ही अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए इन्हें विशेष सत्र बुलाने को कहा है। उम्मीद की जा रही है कि इन रिपोर्ट को लेकर दिल्ली में राजनीति गरमा सकती है। भाजपा लगातार इस विषय को मुद्दा बनाकर दिल्ली सरकार को घेर रही है।
भाजपा का दावा है कि इन रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की कई अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। इस विषय को लेकर भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही दिल्ली में चुनावी प्रचार के दौरान मुद्दे को जोर-शोेर से उठा रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इन रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनाई के दौरान ही दिल्ली सरकार ने एलजी से सदन में इन्हें रखने की मांग रखी थी।
एलजी ने इन सभी रिपोर्ट को पेश करने के लिए अपनी औपचारिक सहमति दे दी है। साथ ही कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 48 के अनुसरण में इन्हें रखने की मंजूरी दी है। ये रिपोर्ट शासन में पारदर्शिता की कसौटी हैं। समय-समय पर विधानमंडल के पटल पर ऐसी रिपोर्ट को शीघ्रता से रखने के संवैधानिक जनादेश का पालन पूर्ण प्रकटीकरण सुनिश्चित करने और जहां आवश्यक हो। सरकार को यह सभी रिपोर्ट सीएजी से पहले भी अलग-अलग तारीखों पर मिली थीं।
एलजी ने अपने पत्र में कहा कि संवैधानिक दायित्व का पालन सुनिश्चित करने के लिए बिना समय गंवाए दिल्ली सरकार तुरंत सत्र बुलाए। बता दें कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो रहा है। इस चुनाव को लेकर जनवरी या दिसंबर में चुनाव का ऐलान हो सकता है। ऐसे में विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए दिल्ली सरकार को जल्द फैसला लेना होगा। एलजी ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए तुरंत इस सत्र को बुलाने की बात कही है।
इन से जुड़ी है रिपोर्ट
लंबित 14 रिपोर्टों में दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर निष्पादन लेखापरीक्षा, दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन पर निष्पादन लेखापरीक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कामकाज पर निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट, सरकार के राजस्व, व्यय और वित्तीय लेखा परीक्षा के अलावा सहित अन्य शामिल हैं। भाजपा शराब के मुद्दे को चुनाव में भुनाने का प्रयास कर रही है।