भारत सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की अंतिम दौर की प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं। मार्च के आखिर में आने वाला यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
65 वर्ष पुरानी इस कंपनी ने अपनी एंबेडेड वैल्यू 5.39 लाख करोड़ (72 बिलियन डॉलर) घोषित की है। एंबेडेड वैल्यू जीवन बीमा कंपनियों की भविष्य की आय का प्रमुख पैमाना होता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि एलआईसी का बाजार मूल्य इसकी एंबेडेड वैल्यू से काफी ज्यादा है, लेकिन सुरक्षित आकलन के लिए मौजूदा बीमा जमाओं के आधार पर यह कीमत निकाली जाती है। आईपीओ में जारी शेयरों में 10 फीसदी पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित है। इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए आईपीओ में जारी इक्विटी का पांच फीसदी तक आरक्षित रखा जा सकता है
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, एलआईसी आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल करने से सकारात्मक चर्चा शुरू हो गई है। यह सबसे बड़े बीमाकर्ता के इतिहास में बहुत ही सकारात्मक कदम होगा। बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ लाने के सवाल पर कहा कि ऐसे बड़े फैसले कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं लिए जाते।