वाराणसी, 23 मई 2025, शुक्रवार। वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के नवापुरा बस्ती में शुक्रवार सुबह एक खतरनाक तेंदुए ने आतंक मचा दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। करीब 5,000 लोगों की आबादी वाले इस क्षेत्र में एक तेंदुए ने युवक अमित मौर्य पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे उसकी पीठ, पेट और हाथ बुरी तरह जख्मी हो गए। ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से तेंदुए को खदेड़कर युवक की जान बचाई, लेकिन तेंदुआ अब भी रिहायशी इलाकों में घूम रहा है, जिससे लोग सहमे हुए हैं।
कैसे हुई घटना?
सुबह करीब 8 बजे नवापुरा बस्ती के एक बगीचे में फूल तोड़ने गए अमित मौर्य ने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। डर के बावजूद, उन्होंने गांव वालों को फोन कर मदद मांगी। करीब 25-30 लोग लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंचे। अमित ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए पर डंडे से वार किया, लेकिन इससे तेंदुआ भड़क गया और उसने अमित पर हमला बोल दिया। तेंदुए के हमले से घबराए ग्रामीण पहले तो भाग खड़े हुए, लेकिन फिर हिम्मत जुटाकर लाठियों से तेंदुए को भगाने में कामयाब रहे। घायल अमित को ग्रामीणों ने तुरंत बाइक से अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
तेंदुए का आतंक और ग्रामीणों की दहशत
घटना के बाद तेंदुआ रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे नवापुरा बस्ती और आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग डर के मारे घरों में कैद हो गए हैं और दरवाजे-खिड़कियां बंद कर छतों पर बैठे हैं। प्रशासन ने भी लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी है। जिस बगीचे में तेंदुआ देखा गया, वहां फूलों की खेती होती है। घटना के समय कई महिलाएं और युवक फूल तोड़ रहे थे, लेकिन तेंदुए की मौजूदगी के कारण वे भाग खड़े हुए। आज भी डर के मारे कोई फूल तोड़ने नहीं गया।
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए ने पहले भी 3-4 बकरियों को निशाना बनाया है। स्थानीय निवासी ठाकुर ने बताया, “तेंदुआ सुबह से ही बगीचे की झाड़ियों में छिपा था। हमने उसे देखा तो गांव वाले जमा हो गए। लेकिन अमित ने जब डंडे से छेड़ा, तो तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया।”
वन विभाग और पुलिस का ऑपरेशन
सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। सुबह 9 बजे से करीब 100 कर्मचारियों की टीम सर्च अभियान में जुटी है। दो ड्रोन की मदद से तेंदुए की तलाश की जा रही है, और 2 किलोमीटर के दायरे में जाल बिछाया गया है। गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और अन्य जिलों से वन विभाग की टीमें और जवान बुलाए गए हैं। डीएफओ स्वाति सिंह ने बताया कि ट्रैंक्विलाइजर गन गोरखपुर या लखनऊ से मंगाई गई है, और तेंदुए को पकड़ने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। चौबेपुर और सारनाथ थानों की पुलिस ने भी बगीचे की चारों ओर घेराबंदी कर रखी है।
ग्रामीणों का वन विभाग पर गुस्सा
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने समय रहते सूचना दे दी थी, लेकिन वन विभाग की टीम एक घंटे की देरी से और बिना पर्याप्त संसाधनों के पहुंची। एक ग्रामीण ने कहा, “अगर समय पर कार्रवाई होती, तो तेंदुआ अब तक पकड़ा जा चुका होता। अब तक वह एक व्यक्ति और कई बकरियों को घायल कर चुका है।”
क्या है आगे की चुनौती?
नवापुरा बस्ती और आसपास के इलाकों में तेंदुए की मौजूदगी ने प्रशासन और वन विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। ड्रोन और जाल के बावजूद तेंदुआ अभी तक पकड़ में नहीं आया है। ग्रामीणों को घटनास्थल से 3 किलोमीटर दूर भेजा गया है, लेकिन डर का माहौल बना हुआ है। लोग प्रशासन से जल्द से जल्द तेंदुए को पकड़ने और इलाके को सुरक्षित बनाने की मांग कर रहे हैं।
यह घटना न केवल वाराणसी, बल्कि आसपास के जिलों के लिए भी एक चेतावनी है कि जंगली जानवरों का रिहायशी इलाकों में घुसना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन और वन विभाग को इस स्थिति से निपटने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे, ताकि लोगों का भरोसा बहाल हो और कोई और हादसा न हो।