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Thursday, November 21, 2024

जानें क्या हैं? इसके मायने भारत, अमेरिका इस्राइल और यूएई ने बनाया ताकतवर समूह

भारत, अमेरिका, इस्राइल और यूएई ने मिलकर नया ताकतवर समूह बनाया है। इसे I2U2 नाम दिया गया है। इसमें आई-2 का मतलब इंडिया और इस्राइल है, जबकि यू-2 का मतलब यूएस और यूएई है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अगले महीने 12 से 16 जुलाई तक पश्चिम एशिया के दौरे पर होंगे। उस दौरान I2U2 समूह की पहली वर्चुअली बैठक होगी।

अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत भी आ सकते हैं, क्योंकि दो दिन पहले ही उन्होंने भारत-अमेरिका के रिश्तों पर बयान दिया था।

I2U2 में क्या होगा?
अमेरिकी अधिकारी ने बताया, ‘हमारे कुछ साझीदार मध्य-पूर्व से परे भी हैं। इस साझीदारी को हम आगे बढ़ाएंगे। राष्ट्रपति बाइडन I2U2 देशों के प्रमुखों के साथ वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान खाद्य सुरक्षा संकट और सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर बात करेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन इस्राइल के पीएम नेफ्ताली बैनेट, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद बातचीत करेंगे।’

बाइडन 13 जुलाई को इस्राइल से अपने दौरे की शुरुआत करेंगे और फिलस्तीनी अधिकारियों से बातचीत के लिए वेस्ट बैंक भी जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन सऊदी किंग सलमान के न्योते पर जेद्दा पहुंचेंगे और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में मिस्र, इराक और जॉर्डन सहित नौ देशों के शीर्ष नेता शिरकत करने वाले हैं।

I2U2 में भारत की क्या भूमिका होगा?
इसको लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘भारत बेहद बड़ा बाजार है। वह हाईटेक और सबसे ज्यादा मांग वाले उत्पादों का भी बड़ा उत्पादक है। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां ये देश मिलकर काम कर सकते हैं। फिर वह तकनीक, कारोबार, पर्यावरण, कोविड-19 और सुरक्षा ही क्यों न हो।’

नेड ने आगे कहा कि इस समूह का उद्देश्य उन गठबंधनों और साझेदारों को फिर एक साथ लाना है, जिनका अस्तित्व पहले नहीं था या फिर था भी तो उसका भरपूर इस्तेमाल नहीं किया गया।

चीन क्यों घबरा रहा?
जब अक्टूबर 2021 में पहली बार भारत, इस्राइल, यूएस और यूएई के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी, तब समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। उस वक्त इस बैठक का बड़ा मुद्दा इस्राइल और यूएई के बीच संबंधों को सामान्य बनाना भी था। भारत में यूएई के राजदूत ने उस वक्त इस नए गुट को ‘पश्चिमी एशिया का क्वॉड’ बताया था।

विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल कहते हैं, ‘इस समूह के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा के मसलों पर भी बातचीत होगी। साथ ही, भारत, इस्राइल, यूएई और अमेरिका काफी करीब आएंगे। इससे चीन घबराया हुआ है।’

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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