आगरा, 5 जुलाई 2025: न्याय की आस में वकील से मदद मांगने वाली एक महिला को उसी के अधिवक्ता ने हवस का शिकार बना डाला। थाना शाहगंज की रहने वाली पीड़िता ने अधिवक्ता जलालुद्दीन पर तीन साल तक दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन का दबाव और चाकू से हमले का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, और आरोपी की तलाश जारी है।
2019 से शुरू हुआ उत्पीड़न
पीड़िता ने बताया कि 2019 में अपने भाइयों से चल रहे विवाद के समाधान के लिए वह दीवानी कचहरी में अधिवक्ता जलालुद्दीन के पास पहुंची थी। उसकी कमजोर स्थिति का फायदा उठाकर जलालुद्दीन ने उसे अपने जाल में फंसाया। एक दिन बहाने से उसे एमजी रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय ले गया, जहां पिस्तौल की नोंक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर बदनाम करने और ऊंची पहुंच का हवाला देकर धमकाया। इसके बाद वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा।
घर पर नमाज, जबरन रोजे और धर्म परिवर्तन का दबाव
पीड़िता ने बताया कि उसके पति विकलांग हैं और गुजरात में रहते हैं। वह अपनी बेटी और मां के साथ शाहगंज में रहती थी। मां की मृत्यु के बाद जलालुद्दीन की हिम्मत और बढ़ गई। वह पीड़िता के घर में नमाज पढ़ता, जबरन रोजे रखवाता और निकाह के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव डालता। विरोध करने पर उसने पीड़िता पर चाकू से हमला कर दिया। डर के मारे पीड़िता ने घर पर ताला लगाना शुरू कर दिया, लेकिन जलालुद्दीन जबरन दरवाजा पीटता और गालियां देता।
गुजरात भागी, फिर भी नहीं छोड़ा
आतंक से तंग आकर पीड़िता अपने पति के पास गुजरात चली गई। बेटी की परीक्षाओं के लिए लौटी तो होटल में रहकर परीक्षाएं पूरी कराईं। 1 जनवरी 2025 को जलालुद्दीन ने फिर चाकू से हमला किया, जिसमें पीड़िता बाल-बाल बची।
पुलिस की लापरवाही, फिर दर्ज हुआ केस
पीड़िता का आरोप है कि थाना शाहगंज में उसकी शिकायत को पहले अनसुना कर दिया गया। इधर-उधर भटकने के बाद एसीपी मयंक तिवारी के हस्तक्षेप पर केस दर्ज हुआ। पुलिस अब आरोपी की तलाश में जुटी है।
यह मामला न केवल एक वकील की हैवानियत को उजागर करता है, बल्कि सिस्टम की खामियों पर भी सवाल उठाता है। पीड़िता को न्याय मिलेगा या नहीं, यह आने वाला वक्त बताएगा।