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Friday, October 18, 2024

रायसीना डायलॉग सम्मेलन में लातविया के विदेश मंत्री कहा- हमारे भारत के साथ संबंध अच्छे

Raisina Dialogue Updates news: Foreign Minister of Latvia says The relations with India are good

रायसीना डायलॉग सम्मेलन के नौवें संस्करण की शुरुआत 21 फरवरी से हो गई है। सम्मेलन में दुनियाभर के राजनेता और दूसरे क्षेत्रों के अग्रणी लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को हल करना है। इस दौरान गंभीर मुद्दों पर वार्ता की जाएगी। यह कार्यक्रम 23 फरवरी तक चलेगा। विज्ञापन

राजनयिक संबंध वास्तव में बहुत अच्छे
उत्तरपूर्वी यूरोप में स्थित लातविया के विदेश मंत्री क्रिसजैनिस कैरिन्स ने भारत-लातविया संबंधों पर बात की। उन्होंने कहा, ‘भारत और लातविया के बीच राजनयिक संबंध वास्तव में बहुत अच्छे हैं। नई दिल्ली में हमारा दूतावास है और भारत सरकार ने हाल ही में रीगा में दूतावास खोलने का निर्णय लिया है। इससे द्विपक्षीय संबंध और भी अच्छे होंगे। यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंध भी बहुत सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं और विकसित हो रहे हैं।’

भारत के आर्थिक विकास पर सवाल पूछे जाने पर कैरिन्स ने कहा, ‘भारत का आर्थिक विकास बहुत प्रभावशाली है। भारत रैंकिंग में ऊपर जा रहा है। वर्तमान में, यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हो सकता है भविष्य में इसकी रैंकिंग और बढ़ जाए। इससे यह तीसरी और फिर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए। हालांकि अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ उस आर्थिक भार को लेते हुए, भारत को विश्व कूटनीति में एक बड़ी भूमिका निभानी है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यूरोप और भारत की ओर से, हम इन मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करें। भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है।’

सात क्षेत्र पहले से ही प्राथमिकता में
बिम्सटेक के महासचिव इंद्रमणि पांडेय दिल्ली में हो रहे रायसीना डायलॉग सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘महासचिव के रूप में मेरी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सदस्य देशों द्वारा लिए गए निर्णयों को अच्छी तरह से लागू किया जाए। यह सदस्य देश हैं जो सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को तय करते हैं। पहले से ही सात क्षेत्र प्राथमिकता में हैं जो सदस्य देशों ने तय किए हैं, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद से लेकर समुद्री सुरक्षा तक, पहले से ही अलग-अलग तंत्र मौजूद हैं।’

उन्होंने आगे कहा कि समुद्री परिवहन में सहयोग के संबंध में एक समझौता करना है, जिसे अंतिम रूप दे दिया गया है और उस पर बातचीत की गई है। बिम्सटेक का छठा शिखर सम्मेलन इस वर्ष होने की उम्मीद है। यह सम्मेलन थाईलैंड में हो सकता है।

एच1बी वीजा पर बोलीं रेना बिटर
एच1बी वीजा पर वाणिज्य दूतावास मामलों की अमेरिकी सहायक सचिव रेना बिटर ने कहा कि यह दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘एच1बी वीजा राष्ट्रपति बाइडन की यहां की यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का एक बड़ा हिस्सा था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम अमेरिका में कुशल श्रमिकों का समर्थन करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। यहां के लोग अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान देते हैं। पिछले साल 34 फीसदी से ज्यादा स्किल्ड वर्कर वीजा जारी किए गए। अमरीका में हम इस परियोजना को जारी रख रहे हैं ताकि भारतीय कुशल कामगारों के लिए इसे और अधिक कार्यकुशल बनाया जा सके। हमने इस साल की शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। यह अगले कुछ हफ्तों में समाप्त हो जाएगा और यह वास्तव में भारतीय कुशल श्रमिकों की सहायता करने के लिए तैयार है।’

अमेरिकी वीजा के लंबे समय से लंबित रहने के मुद्दे पर बिटर ने कहा, ‘हमारे इतिहास में पहले की तुलना में अब अधिक भारतीय अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। पिछले साल इस मिशन ने 14 लाख वीजा पर फैसला सुनाया, जो कई वर्षों में सबसे अधिक है। हमारे द्वारा जारी किए जाने वाले वीजा की लगभग हर श्रेणी में कोई प्रतीक्षा समय नहीं है। कुछ यात्रियों के लिए प्रतीक्षा समय है, लेकिन मानवीय मामलों और व्यापार वीजा में तेजी लाने के लिए तंत्र हैं। पिछले वर्ष में, हमने प्रतीक्षा समय को 75% कम कर दिया है। हमने ऐसा किया है क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंध बहुत महत्वपूर्ण है।’

रीना बिटर ने कहा, ‘हम इस डायलॉग में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित हैं। यह कांसुलर मुद्दों पर 11वीं वार्षिक वार्ता है जो हमने भारत सरकार में अपने सहयोगियों के साथ की है। हम अमेरिका और भारत के बीच यात्रा में अविश्वसनीय परेशानियों के बारे में बात करेंगे। हम कुछ ऐसे मुद्दों पर भी बात करेंगे जो अमेरिका और भारत के बीच वास्तव में मजबूत पारिवारिक संबंधों को दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए, जिन चीजों के बारे में हम वास्तव में बात करना चाहते हैं उनमें से एक बच्चों का मुद्दा है। अमेरिका और भारत दोनों की जिम्मेदारी है कि वे हमारे सबसे कमजोर नागरिकों या बच्चों की सुरक्षा करें। गोद लेने के मुद्दों पर भारत एक मॉडल पार्टनर है।’

रायसीना डायलॉग क्या है?
रायसीना डायलॉग एक वार्षिक सम्मेलन है जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाता है। रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है जिसका उद्देश्य वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को हल करना है। रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में की गई थी। 

हर साल, राजनीति, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज के नेता नई दिल्ली में जुटते हैं। इस दौरान ये दुनिया की स्थिति पर चर्चा करते हैं और समसामयिक मामलों पर सहयोग के अवसर तलाशते हैं। संवाद में राष्ट्र प्रमुख, कैबिनेट मंत्री और स्थानीय सरकार से जुड़े अधिकारी शामिल होते हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र, मीडिया और शिक्षा जगत के विचारक भी कार्यक्रम से जुड़ते हैं।

सम्मेलन की मेजबानी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन करता है। इसमें कई संस्थानों, संगठनों और व्यक्तियों का समर्थन भी हासिल होता है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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