मुंबई, 8 दिसंबर 2024, रविवार। महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जहां 100 से अधिक किसानों ने वक्फ बोर्ड पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। यह जमीनें किसानों को पीढ़ियों से विरासत में मिली हैं और वे कई वर्षों से यहां खेती करते आ रहे हैं। किसानों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड ने उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने के लिए छत्रपति संभाजीनगर स्थित महाराष्ट्र राज्य वक्फ अधिकरण में एक दावा दायर किया है। इस दावे के आधार पर, 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें अपनी जमीन के मालिकाना हक के बारे में साबित करने के लिए कहा गया है।
किसानों में से एक, तुकाराम कनवटे ने बताया, “हमें यह जमीनें पीढ़ियों से विरासत में मिली हैं। यह वक्फ संपत्ति नहीं हैं। हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे।” इस मामले पर अदालत में दो सुनवाई हो चुकी हैं और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है। किसानों ने अदालत से अपनी जमीन की सुरक्षा की मांग की है और वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज करने की अपील की है। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का वादा किया है और किसानों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।
वक्फ: इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियां
वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है जिसमें धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संपत्तियों को समर्पित किया जाता है। यह शब्द अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना। यह इस्लाम में एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है। वक्फ उस जायदाद को कहते हैं जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं। यह चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है और यह दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है।
वक्फ बोर्ड: जानें क्या है इसका मुख्य काम और कैसे काम करता है यह संगठन?
वक्फ बोर्ड का मुख्य काम वक्फ संपत्तियों की देखभाल करना और उनकी आय का सही इस्तेमाल करना है। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड गरीब और जरूरतमंदों की मदद करने, मस्जिद और अन्य धार्मिक संस्थानों को बनाए रखने, शिक्षा की व्यवस्था करने और अन्य धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीजों में भी शामिल होता है।
देश में फिलहाल कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें से कुछ राज्यों जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश में सुन्नी और शिया दोनों ही के अलग बोर्ड हैं। इसके अलावा, सेंट्रल वक्फ काउंसिल भी है, जो वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल के लिए बनाया गया है और मिनिस्ट्री ऑफ माइनोरिटी अफेयर्स के तहत आता है।