वाराणसी, 3 मई 2025, शनिवार। वाराणसी के जंसा थानाक्षेत्र के रहने वाले आशीष यादव की जिंदगी उस वक्त उलझन में पड़ गई, जब एक चमकदार नौकरी का सपना साइबर ठगी का जाल बनकर सामने आया। आशीष ने टाटा फाइनेंस सर्विस लिमिटेड के नाम पर एक फर्जी कंपनी के झांसे में आकर न केवल अपनी मेहनत की कमाई गंवाई, बल्कि अब लोन के लिए पैसे देने वाले लोग भी उनसे अपना पैसा वापस मांग रहे हैं। इस पूरे मामले में आशीष ने साइबर क्राइम थाने में शनिवार को ऑनलाइन FIR दर्ज कराई है, और पुलिस जांच में जुट गई है।
एक फोन कॉल ने बदली जिंदगी
आशीष ने बताया कि उनकी नौकरी की तलाश उन्हें नौकरी डॉट कॉम तक ले गई, जहां उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। अप्रैल में एक फोन कॉल ने उनके लिए उम्मीद की किरण जगाई। कॉल करने वाले ने उनसे सीवी मांगा और जल्द ही ऑनलाइन इंटरव्यू के बाद उन्हें टाटा फाइनेंस सर्विस लिमिटेड में एरिया सेल्स मैनेजर की नौकरी का ऑफर दे दिया। 25 हजार रुपये की मासिक सैलरी और कंपनी का आईकार्ड ऑनलाइन भेजकर आशीष का भरोसा जीत लिया गया। उन्हें बताया गया कि उनका काम बिजनेस, प्रॉपर्टी और पर्सनल लोन की फाइलें तैयार करना होगा।
लाखों रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
नौकरी शुरू होते ही आशीष ने पूरी मेहनत से काम शुरू किया। एक महीने में उन्होंने चार लोन फाइलें तैयार कीं, जिनके लिए रजिस्ट्रेशन फीस और GST के नाम पर कुल 1,16,064 रुपये कंपनी के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इनमें 70 लाख के प्रॉपर्टी लोन से लेकर 1 लाख के पर्सनल लोन तक की फाइलें शामिल थीं। लेकिन इसके बाद कंपनी ने दावा किया कि कोई भी लोन प्रोसेस नहीं हुआ।
तहसीलदार ने खोली पोल
आशीष को तब संदेह हुआ, जब कंपनी की कथित HR सीमा चौधरी ने लोन फाइलों को आगे बढ़ाने के लिए नोटरी और तहसीलदार के हस्ताक्षर वाला प्रोफार्मा मांगा। आशीष जब तहसील पहुंचे तो तहसीलदार ने साफ कहा कि लोन के कागजात पर उनकी साइन का कोई नियम नहीं है। इसके बाद आशीष ने कंपनी से संपर्क किया, लेकिन जवाब में उन्हें टालमटोल भरे बहाने सुनने पड़े।
ठगी का पुख्ता सबूत
जब आशीष ने अपने पैसे वापस मांगे, तो कंपनी ने हर फाइल के लिए 1,000 रुपये की अतिरिक्त फीस की मांग की। मई में सैलरी न मिलने और कंपनी के बार-बार बहाने बनाने से आशीष को ठगी का यकीन हो गया। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। अब लोन के लिए पैसे देने वाले लोग भी आशीष से अपने पैसे वापस मांग रहे हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
पुलिस जांच में जुटी
साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर साइबर ठगी के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करती है, जहां नौकरी और आसान कमाई का लालच देकर मासूम लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है। आशीष की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए सबक है, जो ऑनलाइन नौकरी के ऑफर पर आंख मूंदकर भरोसा कर लेता है।