मकर संक्रांति की मान्यता दो दिन होने के कारण रविवार को भी लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। शाम से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की रेती पर पहुंचने लगा था। बाहर से जो श्रद्धालु स्नान करने के लिए मेले में आए हैं उन्होंने 14 जनवरी को स्नान के बाद 15 जनवरी को भी संगम में डुबकी लगाकर घाट पर मौजूद दीन हीनों को दान दिया।
मकर संक्रांति पर संगम सहित सभी 16 घाटों पर पुण्य की डुबकी लगी। शुभ मुहुर्त में श्रद्धालुओं ने गंगा और यमुना सहित संगम में डुबी लगाई। पूरा मेला क्षेत्र भक्ति रंग में सराबोर हो गया है। चारों तरफ हर-हर महादेव, हर-हर गंगे, रामायण और श्रीमद्दभागवत के उद्घोष और प्रवचन सुनाई दे रहे हैं। सभी पंडालों में रामकथा का आयोजन किया गया है। भोर से ही डुबकी लगाने का दौर शुरू हो गया। मेले में सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया है। ड्रोन कैमरे के अलावा सीसीटीवी से मेले की निगरानी की जा रही है।
माघ मेले की व्यवस्था एक नजर में16 घाटों पर संतों-भक्तों ने लगाई पुण्य की डुबकी155 सीसीटीवी कैमरों से मेला क्षेत्र की शुरू हुई निगरानी10 स्थानों पर वाहनों की पार्किंग05 पांटून पुलों से मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने किया प्रवेश