मॉस्को, 4 अगस्त 2025: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी 600 साल की निष्क्रियता के बाद 2 अगस्त 2025 को फट पड़ा। यह ऐतिहासिक विस्फोट रविवार, 3 अगस्त को दर्ज किया गया, जिसने वैज्ञानिकों और स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया। रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने बताया कि 1,856 मीटर ऊंचे इस ज्वालामुखी से 6,000 मीटर (लगभग 3.7 मील) की ऊंचाई तक राख का विशाल गुबार उठा, जो पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की दिशा में फैल गया।
विस्फोट और भूकंप का संबंध
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विस्फोट 29 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता के भीषण भूकंप से जुड़ा हो सकता है, जो कामचटका क्षेत्र में दर्ज किया गया था। यह भूकंप विश्व का छठा सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है, जिसने जापान, अलास्का, हवाई और न्यूजीलैंड तक सुनामी की चेतावनियां जारी कराई थीं। कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (KVERT) की प्रमुख ओल्गा गिरीना ने रूसी समाचार एजेंसी RIA को बताया, “यह क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी का 600 वर्षों में पहला ऐतिहासिक रूप से पुष्ट विस्फोट है।” उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी की आखिरी गतिविधि 1463 के आसपास (प्लस-माइनस 40 वर्ष) दर्ज की गई थी।
हवाई यातायात पर असर, ऑरेंज कोड जारी
विस्फोट के बाद राख के गुबार के कारण क्षेत्र का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया। कामचटका के आपातकालीन मंत्रालय ने ज्वालामुखी को “ऑरेंज” एविएशन हाजार्ड कोड जारी किया, जो विमानों के लिए उच्च जोखिम का संकेत देता है। मंत्रालय ने टेलीग्राम पर बताया, “राख का गुबार प्रशांत महासागर की ओर पूर्व दिशा में फैल रहा है। इसके रास्ते में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है, और बस्तियों में राख गिरने की कोई सूचना नहीं है।”
कोई जनहानि नहीं, सतर्कता बरकरार
क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी क्रोनोत्स्की नेचर रिजर्व में स्थित है, जो पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की से लगभग 200 किमी उत्तर-पूर्व में है। इस क्षेत्र में आबादी कम होने के कारण विस्फोट से कोई जनहानि या क्षति की सूचना नहीं है। रिजर्व के कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। KVERT ने चेतावनी दी है कि ज्वालामुखी में “मध्यम विस्फोटक गतिविधि” जारी रह सकती है।
कामचटका: आग और बर्फ का क्षेत्र
कामचटका प्रायद्वीप, जिसे “आग और बर्फ की भूमि” कहा जाता है, प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जहां 300 से अधिक ज्वालामुखी हैं, जिनमें 29 सक्रिय हैं। इस क्षेत्र में हाल ही में एक और सक्रिय ज्वालामुखी, क्ल्यूचेव्स्कॉय, ने भी भूकंप के बाद विस्फोट किया था। वैज्ञानिक अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या भूकंपीय गतिविधियों ने इन ज्वालामुखियों को सक्रिय करने में भूमिका निभाई।