पिछले साल अगस्त में केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने शनिवार को करीब एक साल बाद जांच रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे की संभावित वजह पायलट का मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं करना हो सकती है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हादसे के लिए प्रणालीगत विफलताओं (सिस्टेमिक फेलियर) की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
एएआईबी ने दिया प्रयोगशाला स्थापित करने का सुझाव
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने पूर्णकालिक जांचकर्ताओं के साथ रिक्तियों को भरने, एक स्थायी विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ होने और उड़ान रिकॉर्डर के लिए एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करने के मामले में अपनी क्षमता को मजबूत करने का सुझाव दिया है।
एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिशें कीं
अपनी अंतिम जांच के साथ एएआईबी ने 43 सुरक्षा सिफारिशें की हैं, जिसमें हवाई अड्डे पर एक दृष्टिकोण रडार की स्थापना और गैर-निर्धारित दवाओं के उपयोग की व्यापकता स्थापित करने के लिए एक डीजीसीए अध्ययन शामिल है। विशेष रूप से एयरक्रू के बीच मधुमेह के लिए।
बता दें कि 7 अगस्त 2020 को बोइंग 737-800 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हादसे के वक्त उसमें 190 यात्री सवार थे। भारी बारिश के बीच केरल के कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरने की कोशिश के दौरान विमान रनवे से आगे निकल गया था। इसमें उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। हादसे में दो पायलटों सहित 21 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के भीषण हादसे का शिकार होने के एक साल बाद जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना का संभावित कारण पायलट फ्लाइंग द्वारा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन नहीं करना था। रिपोर्ट में कहा गया कि पायलट फ्लाइंग ने अस्थिर दृष्टिकोण जारी रखा और विमान को आधे रनवे के पास टचडाउन जोन के पार लैंड कराया। इस वजह से विमान रनवे एंड सेफ्टी एरिया सहित रनवे से आगे निकल गया। इससे स्थानीय एंटीना प्रभावित हुआ और विमान टेबलटॉप रनवे से गिर गया। रिपोर्ट के मुताबिक, जांच दल की राय है कि इस दुर्घटना में एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
सिंधिया ने दी थी जल्द रिपोर्ट सार्वजनिक करने की जानकारी
इससे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को बताया था कि प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट को अगले कुछ दिनों में सार्वजनिक कर दी जाएगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि जांच रिपोर्ट को मंत्रालय को सौंप दिया गया है और अगले कुछ दिनों में इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। हादसे के बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। साथ ही ऐसे हादसों को रोकने के लिए सिफारिशें भी मांगी गई थीं। इस पर सिंधिया ने कहा था कि रिपोर्ट में जो भी सिफारिशें की गई हैं, उन्हें लागू करना होगा। मंत्रालय में एक टीम को इन सिफारिशों को लागू करने का काम सौंपा जाएगा।
वहीं, पिछले महीने नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में बताया था कि इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजे की पेशकश की गई थी, लेकिन उनमें से किसी ने भी इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने बताया था कि 165 घायल यात्रियों में से 73 ने मुआवजे के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया था और अब तक सरकार ने 60.35 करोड़ रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर घायलों को दी है।
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