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Friday, April 11, 2025

कोलकाता हाई कोर्ट का फैसला: हावड़ा में रामनवमी रैली को हरी झंडी, लेकिन शर्तों के साथ

कोलकाता, 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में इस बार रामनवमी की शोभायात्रा को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अंजनी पुत्र सेना, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी को रैली निकालने की इजाजत तो दे दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ। हथियार, गोला-बारूद, डीजे और बाइक रैली पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। रैली में सिर्फ 500 लोग शामिल होंगे और यह जीटी रोड के तयशुदा मार्ग पर ही निकलेगी। पुलिस को हर कदम पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि शांति बनी रहे।

हावड़ा में रामनवमी के मौके पर शोभायात्राएं और रैलियां निकालने की परंपरा पुरानी है, लेकिन हाल के सालों में यह विवादों का केंद्र बन गई है। इस बार भी कहानी कुछ अलग नहीं थी। पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए पिछले 15 सालों से चले आ रहे पारंपरिक जीटी रोड मार्ग पर शोभायात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने रूट बदलने का निर्देश दिया, लेकिन संगठनों ने इसे ठुकराते हुए हाई कोर्ट की शरण ली। उनका कहना था कि यह उनकी आस्था और परंपरा का सवाल है।

राम भक्तों का गुस्सा साफ झलक रहा था। उनका आरोप था कि ममता बनर्जी सरकार लगातार दूसरे साल इस जुलूस को रोक रही है। कुछ ने तो यह भी कहा कि “जय श्री राम” का नारा ही सरकार को खटकता है। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने शांति की अपील करते हुए कहा, “सबको पूजा का हक है, लेकिन दंगा फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।” उनका यह बयान उस तनाव को दर्शाता है, जो पिछले कुछ सालों से रामनवमी के दौरान राज्य में देखने को मिला है।

2022 में हावड़ा के शिवपुर इलाके में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान माहौल गरमा गया था। विश्व हिंदू परिषद की रैली पर पत्थरबाजी और हमले की खबरें सामने आई थीं। पुलिस पर लाठीचार्ज के आरोप लगे, कई लोग घायल हुए। ममता ने शांति की गुहार लगाई थी, लेकिन भाजपा ने इसे सनातन धर्म पर हमला करार दिया। उस घटना की यादें अभी भी ताजा हैं, और शायद यही वजह है कि इस बार पुलिस और कोर्ट दोनों सतर्क हैं।

हाई कोर्ट का यह फैसला एक संतुलन की कोशिश है—परंपरा को जिंदा रखते हुए शांति सुनिश्चित करना। रैली को हरी झंडी मिली, लेकिन हथियारों और शोर-शराबे पर रोक ने साफ कर दिया कि उत्सव की आड़ में अशांति का कोई मौका नहीं दिया जाएगा। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या यह रैली शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगी, या फिर हावड़ा की सड़कों पर एक बार फिर तनाव की लकीरें खिंच जाएंगी।

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