17.1 C
Delhi
Thursday, February 6, 2025

19 चीजों पर आज से पाबंदी सिंगल यूज प्लास्टिक की जानें, इससे जुड़े कुछ अहम तथ्य

देश में आज यानि शुक्रवार 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।

अगस्त 2021 में अधिसूचित नियम और 2022 के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के भारत के प्रयासों के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को मौजूदा 75 माइक्रोन से 120 माइक्रोन में बदल दिया जाएगा। मोटे कैरी बैग सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के उद्देश्य से लाए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे और अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री रोकने का काम सौंपा जाएगा।

जानिए इससे जुड़े कुछ अहम तथ्य 

सिक्किम पहला राज्य है जिसने 1998 में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया।

सरकार ने प्लास्टिक बैग की मोटाई के लिए एक मानक तय किया है और खुदरा विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बैग के लिए शुल्क अनिवार्य कर दिया।

प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों, राष्ट्रीय संपदाओं, जंगलों और समुद्री तटों पर साफ-सफाई अभियान शुरू किए गए हैं। पूरे देश में करीब 100 स्मारकों को शामिल किया गया है।

सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग करना शुरू किया गया।

पर्यावरण और पारिस्थितिकी विकास सोसायटी ने दिल्ली में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए बीट प्लास्टिक प्रदूषण नाम दिया गया।

केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण और केंद्रीय लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय छोटी औद्योगिक इकाइयों को प्रतिबंधित सिंग यूज प्लास्टिक वस्तुओं के विकल्प के उत्पादन के लिए तकनीकी सहायता देंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगभग चार साल पहले अनुमान लगाया था कि भारत प्रतिदिन लगभग 9,200 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, या एक वर्ष में 3.3 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक। उद्योग के एक वर्ग ने दावा किया है कि देश में लगभग 70 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसायकल किया जाता है।

भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक  

सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है

भारत में18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है

वैश्विक स्तर पर 28 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है

60 हजार करोड़ रुपये का है प्लास्टिक उद्योग

इसके निर्माण में 88 हजार इकाइयां लगी हैं

प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं

सालाना एक्सपोर्ट 25 हजार करोड़ रुपये

वहीं, व्यापारी संघ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को एक साल टालने की मांग की है। कैट ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर कहा है कि इस संबंध में एक समिति बनाई जाए जिसमें सरकारी अधिकारी और हितधारकों के प्रतिनिधि होंगे और वे मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढेंगे।

विश्व में सिंगल यूज प्लास्टिक

1950 से शुरू हुआ उत्पादन

सालाना 380 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन

1 साल में उत्पादित प्लास्टिक की मात्रा मानवता के पूरे भार के बराबर धरती पर 12 लाख प्लास्टिक की बोतल प्रति मिनट होता है उपयोग सालान 5 ट्रिलियन प्लास्टिक बैग का उत्पादन पृथ्वी से प्लास्टिक को खत्म होने में लगेंगे 1000 साल

सिंगल यूज प्लास्टिक के वैकल्पिक तरीके
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर चाय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कप के बजाय कुल्हड़ के इस्तेमाल पर जोर देते हुए एक पोस्ट की गई है। मंत्रालय ने अपनी पोस्ट में लिखा कि कुल्हड़ ना केवल चाय का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि यह पर्यावरण हितैषी होने के साथ आसानी से मिट्टी में मिल जाते हैं और पानी की भी बचत करते हैं।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कू ऐप पर पोस्ट किए गए एक रोचक कार्टून वाले वीडियो के जरिये बताया गया है कि जिम्मेदार नागरिक बनिए। स्थानीय बाजार, मॉल या कहीं पर भी कुछ खरीदारी करने जाएं तो हमेशा अपने साथ एक थैला जरूर रखें। इसके कई फायदे हैं। यह भारी वजन उठाने में सक्षम होता है, रिसाइकिल हो जाता है, लंबे वक्त तक चलता है, पर्यावरण हितैषी होता है और पर्यावरण को बेहतर बनाने में आपका योगदान होता है। इसके चलते आप अपने बच्चों को एक बेहतर कल दे सकते हैं।


इन आइटम्स पर बैन
1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम जैसे ईयरबड्स, गुब्बारे की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की प्लास्टिक डंडी, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्मोकॉल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर आदि शामिल हैं।

स्पेशल एनफोर्समेंट टीमें भी रखेंगी नजर
स्पेशल एनफोर्समेंट टीमें भी बनाई जा रहीं हैं। यह टीमें अवैध निर्माण, आयात, स्टोरिंग, सेल आदि पर नजर रखेंगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वह अपने बॉर्डर पर चेक पॉइंट बनाएं ताकि प्रतिबंधित आइटम एक जगह से दूसरी जगह न जा पाएं। सीपीसीबी ने इसे लेकर एक ऐप भी लॉन्च किया है।

500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा
एक जुलाई से आम लोगों पर प्रतिबंधित उत्पादों का इस्तेमाल करने पर 500 से दो हजार रुपये का जुर्माना होगा। वहीं, औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पाद, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे लोगों पर 20 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर पांच साल की जेल या दोनों सजा भी दी जा सकती है। उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जुड़े उद्योगों को बंद करने जैसी कार्रवाई भी शामिल है।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »