N/A
Total Visitor
28.3 C
Delhi
Sunday, July 6, 2025

खेलो इंडिया : अब बदल गई है खेलों की तस्वीर

पीएम मोदी ने शनिवार को अपने आवास पर राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भाग लेने वाले भारतीय दल से मुलाकात की। उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत कर उनके अनुभवों को जाना और भविष्य की खेल प्रतियोगिताओं के लिए उत्साहवर्धन किया। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारतीय खिलाड़ियों ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य सहित कुल 61 पदक जीते। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और कनाडा के बाद भारत पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहा। पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि ‘खेलो इंडिया’ के मंच से निकले अनेक खिलाड़ियों ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने खेलों इंडिया के प्रभाव को समझते हुए कहा कि यही कारण है कि भारत आज विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर स्थिति में पहुंच चुका है। ‘खेलो इंडिया’ देश में खेल संस्कृति को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है।

 

कब हुई खेलो इंडिया की शुरुआत ?

 

देश में खेल की भावना को और अधिक विकसित करने और खेलों की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ”खेलो इंडिया योजना” 2016 में तीन पूर्व योजनाओं के एकत्रीकरण के बाद शुरू की गई थी। यह योजना वार्षिक खेलकूद और प्रतियोगिताओं में युवाओं की बढ़ती हुई भागीदारी पर आधारित है। खेलो इंडिया का लक्ष्य खेल में सामूहिक भागीदारी और विशालता की प्रगति के दोहरे लक्ष्यों को पूरा करना है। योजना “सभी के लिए खेल” के साथ-साथ “उत्कृष्टता के लिए खेल” को आगे बढ़ाने का प्रयास करती है।

 

खेलो इंडिया विशेष रूप से भारतीय खेलों के लिए एक गेम चेंजर है। इसमें महिलाओं, बच्चों और ग्रामीण क्षेत्रों के समूहों को भारत की खेल संस्कृति का हिस्सा बनाना है। व्यक्तिगत और स्थानीय क्षेत्र के विकास के साथ राष्ट्रीय विकास के लिए खेल को मुख्यधारा में लाने के लिए इस योजना में समयानुसार बदलाव किया जाता रहा है।

 

खेल संस्कृति को दे रहा बढ़ावा

 

‘खेलो इंडिया’ योजना युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय योजना है। इसका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। इस प्रकार जनता को खेलों की शक्ति के अवगत कराकर उचित संसाधन की उपलब्धता से उसके समुचित उपयोग करने का अवसर देना है। खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत खेल के मैदान का विकास, सामुदायिक प्रशिक्षण का विकास, सामुदायिक खेलों को बढ़ावा देना, प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका विकास करना, खेल अकादमियों को सहायता देना, स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान और शांति एवं विकास के लिए खेल का कार्यान्वयन किया जाना शामिल है।

 

प्रतिभावान खिलाड़ियों को मिल रहा का अवसर

 

सरकार के प्रयास से प्रतिभावान खिलाडि़यों को अवसर अपनी क्षमता के प्रदर्शन का अवसर मिल रहा है। खेलों इंडिया योजना मुख्‍य रूप से खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का मंच बना कर खिला‍ड़ियों को तैयार करने के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कर रहा है। देश के खिलाड़ियों को खेलो इंडिया स्कूल एंड यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आयोजन करके प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को खेलो इंडिया छात्रवृत्ति जीतने और अत्याधुनिक खेल परिसरों में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षण पाने का अवसर दिया गया है।

 

ग्रामीण एवं स्वदेशी खेलों पर फोकस

 

देश में खेलों के बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के अलावा खेलो इंडिया योजना ग्रामीण एवं स्वदेशी खेलों को भी बढ़ावा दे रहा है। पारंपरिक खेलों के संरक्षण पर जोर देते हुए केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि पांच पारंपरिक खेल – गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता, मल्लखंब और योगासन – आगामी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का हिस्सा होंगे। खेलों इंडिया विशेष रूप से देश के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित व प्रदर्शित करने के प्रति समर्पित है। साथ ही, युवा कार्यक्रम विभाग नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एनवाईकेएस) के माध्यम से जनजातीय इलाकों सहित देश भर के 623 जिलों में ग्रामीण युवाओं के बीच खेल संस्कृति को विकसित करने हेतु खेल को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसके दो घटक हैं…

 

(i) युवा मंडलों को खेल किट प्रदान करना- इस कार्यक्रम के तहत, चयनित एनवाईके युवा मंडलों को खेल किट प्रदान की जाती हैं ताकि वे नियमित रूप से विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन कर सकें।

 

(ii) प्रखंड एवं जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन- एनवाईकेएस प्रखंड एवं जिला स्तर के युवा मंडलों के बीच खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करता है।

 

बजट आवंटन में 48 प्रतिशत तक की वृद्धि

 

सरकार ने खेलों में व्‍यापक भागीदारी और उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्‍यों को प्राप्त करने की

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »