नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार। एक लंबे अरसे तक पर्दे के पीछे से राजनीति कर रही प्रियंका गांधी अब पूरी तरह राजनीति का हिस्सा हो गई हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पहली बार जनता के सामने आई प्रियंका ने वायनाड उपचुनाव से अपना चुनावी डेब्यू कर लिया है। इसी बीच बीजेपी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ‘सरेआम अपमान’ किया है। वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। दरसल, बीजेपी के तमाम नेताओं ने मल्लिकार्जुन खरगे का एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में मल्लिकार्जुन खरगे नॉमिनेशन के दौरान गेट के बाहर से झांकते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें अंदर एंट्री नहीं दी गई। बीजेपी अब इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा रही है। उन्होंने कहा कि खरगे को नामांकन प्रक्रिया से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।
हालांकि कांग्रेस की ओर से इस वीडियो के लेकर कहा गया कि अंदर सिर्फ 5 लोग ही जा सकते थे इसलिए मल्लिकार्जुन खरगे को कलेक्टर ऑफिस के कर्मचारी ने अंदर नहीं जाने दिया। हालांकि जब उन्हें जानकारी हुई तो खरगे को एंट्री दी गई। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए लिखा, जब आप खरगे हों तो घर के नहीं। प्रेम शुक्ला ने इस वीडियो को शेयर करके लिखा, ‘बेचारे खरगे जी ! इटली वाली बाई की बेटी वायनाड से नामांकन कर रही है। कांग्रेस के जीजाजी, सासूजी, बेटा, बेटी के बेटे अंदर हैं और कांग्रेस के अध्यक्ष सुराख से झांक रहे हैं कि कोई उन्हें भी अंदर ले ले। इसीलिए बालासाहब ठाकरे कहते थे कि सोनिया के सामने हिजड़े झुकते हैं!
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो पर कांग्रेस को लपेटते हुए कहा कि गजब बेइज्जती है। क्या दलित होना पाप है। मल्लिकार्जुन खड़गे जी को प्रियंका वाड्रा गांधी के नामांकन के दौरान कमरे से बाहर रखा गया। सीताराम केसरी, फिर पीवी नरसिम्हा राव जी अब खड़गे जी। संदेश स्पष्ट है- अगर तुम गांधी परिवार से नहीं हो तो याद रखो गांधी परिवार के पिद्दी की हैसियत भी कांग्रेस अध्यक्ष से ज्यादा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, वायनाड में आज तथाकथित होली ट्रिनिटी के मल्लिकार्जुन खरगे जैसे अनुभवी सांसद और दलित नेता के प्रति दिखाए गए अनादर को देखना बेहद निराशाजनक है। चाहे वह एआईसीसी का अध्यक्ष हो या पीसीसी, क्या परिवार उन लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस करता है जिन्हें वे केवल रबर स्टैंप मानते हैं?
इधर, कांग्रेस ने भाजपा पर दलित नेता के अपमान के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो मैसेज में कहा, असलियत यह है कि नामांकन के वक्त डीएम के कमरे में प्रत्याशी को मिलाकर सिर्फ पांच लोग बैठ सकते थे। जब खरगे जी, सोनिया जी और राहुल जी वहां पहुंचे, तो पहले ही कुछ लोग बैठे थे। जैसे ही वो कमरे से निकले, उसी वक्त खरगे जी, सोनिया जी और राहुल जी अंदर आए और खरगे जी प्रथम पंक्ति में बैठे। सोनिया जी सीपीपी की अध्यक्ष होने के बाद भी पीछे बैठीं।