नई दिल्ली, 27 मई 2025, मंगलवार। मध्य प्रदेश के खंडवा में एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया, जिसने दिल्ली के कुख्यात निर्भया कांड की भयावह यादें फिर से जगा दीं। एक आदिवासी महिला के साथ ऐसी क्रूरता और हैवानियत की गई कि उसे देखकर फोरेंसिक विशेषज्ञों की रूह तक कांप उठी।
यह कहानी उस रात की है, जब एक मासूम महिला एक शादी समारोह से लौट रही थी। शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात, जब सन्नाटा अपनी चादर बिछा रहा था, तब दो दरिंदों ने नशे में धुत होकर इस महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जो खुलासा किया, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर दे। महिला के शरीर पर ऐसी बर्बरता ढाई गई कि उसकी आंतें तक, करीब छह फीट से ज्यादा, उसके निजी अंगों से बाहर निकल आई थीं। उसके शरीर पर भारी चोटों के निशान, खासकर निजी अंगों पर, इस बात की गवाही दे रहे थे कि हैवानों ने न सिर्फ उसकी देह को तार-तार किया, बल्कि उसे असहनीय यातना भी दी।
फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. सीमा सूटे, जिन्होंने इस शव का पोस्टमार्टम किया, ने कांपते स्वर में कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में ऐसी क्रूरता कभी नहीं देखी।” रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की मौत अत्यधिक रक्तस्राव और सदमे से हुई। उसकी बच्चेदानी और रेक्टम को भी गहरी चोटें पहुंची थीं, जो इस बात का सबूत हैं कि दरिंदों ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं।
लेकिन इस बर्बरता पर पुलिस की खामोशी हैरान करने वाली है। खंडवा पुलिस ने इसे महज “गैंगरेप” का मामला करार दिया, और इस अमानवीय क्रूरता पर सवाल उठने पर चुप्पी साध ली। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश रघुवंशी ने बताया कि दोनों आरोपियों, हरी और सुनील को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन क्या यह गिरफ्तारी उस दर्द को कम कर सकती है, जो इस महिला ने सहा?
घटना का जिक्र करें तो उस रात महिला एक शादी समारोह में गई थी। देर रात घर लौटते वक्त वह अपने गांव के हरी के साथ थी। रास्ते में एक अन्य महिला को छोड़ने के बाद वह हरी के घर पहुंची, जहां सुनील नामक दूसरा शख्स भी आ धमका। नशे में चूर हरी और सुनील ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। महिला ने अपनी पूरी ताकत से इन हैवानों का मुकाबला किया, लेकिन वह उनके सामने हार गई। अगली सुबह हरी की मां ने महिला का शव देखा और उसके परिवार को सूचना दी।
यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। क्या हमारी व्यवस्था इतनी लाचार है कि ऐसी हैवानियत को रोक नहीं सकती? क्या इंसाफ सिर्फ गिरफ्तारी तक सिमट कर रह गया है? यह सवाल हर उस इंसान के मन में उठ रहा है, जो इस दिल दहलाने वाली घटना को सुनकर सिहर उठा है।