वाराणसी, 1 जून 2025, रविवार: यूपी पुलिस की वर्दी, जो समाज में इंसाफ और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है, उसे शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है। एक सिपाही, जिसका नाम मनीष है, ने अपनी ही पत्नी को हैवानियत का शिकार बनाया। न केवल उसने अपनी पत्नी के न्यूड वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया, बल्कि अप्राकृतिक यौन संबंधों के लिए मजबूर किया और विरोध करने पर मारपीट और गालियों की बौछार की। उसकी हिम्मत तो देखिए, वह वर्दी की धौंस दिखाते हुए कहता था, “मैं यूपी पुलिस में हूँ, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता!”
क्या है यह घिनौना मामला?
वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र की विष्णुपुरी कॉलोनी की रहने वाली एक महिला की शादी 13 मार्च 2024 को गाजीपुर के मनीष से हुई थी। मनीष, जो यूपी पुलिस में सिपाही है और वर्तमान में महराजगंज जिले में तैनात है, ने शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ ऐसा जुल्म ढाया कि सुनकर रूह काँप जाए। महिला का आरोप है कि शादी के तुरंत बाद से ही मनीष ने उस पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डाला। जब उसने इसका विरोध किया, तो सिपाही पति ने उसकी जिंदगी को नरक बना दिया।
न्यूड वीडियो बनाकर शुरू किया ब्लैकमेल का खेल
महिला का कहना है कि मनीष ने उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन उसके कपड़े उतारे और मोबाइल से न्यूड वीडियो बनाए। इन वीडियोज को वायरल करने की धमकी देकर वह उसे ब्लैकमेल करता और अपनी हवस का शिकार बनाता। अप्राकृतिक यौन संबंध के दौरान वह मारपीट करता, गालियाँ देता और कहता, “इसमें मजा आता है।” इतना ही नहीं, उसे पोर्न वीडियोज देखने की लत थी, जिसके चलते वह अपनी पत्नी पर और भी ज्यादा अत्याचार करता।
दहेज की मांग ने दिखाया असली चेहरा
जब महिला ने इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई, तो मनीष का असली चेहरा सामने आया। उसने अचानक 10 लाख रुपये दहेज की मांग शुरू कर दी। विरोध करने पर उसने महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से और ज्यादा प्रताड़ित किया। ससुराल और मायके वालों ने कई बार पंचायत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन मनीष अपनी वर्दी की रौब दिखाते हुए कहता रहा, “मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” आखिरकार, महिला को ससुराल से निकाल दिया गया, और वह अब अपने मायके में रह रही है।
न्याय की आस में थाने की दहलीज पर
जब हर तरफ से निराशा मिली, तो पीड़िता ने हिम्मत जुटाई और सिगरा थाने का रुख किया। उसने अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई और सिपाही मनीष के खिलाफ दहेज अधिनियम की धारा 3 और 4, साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 351(2), 352 और 85 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। मामले की जांच के लिए हरि नारायण मिश्र को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्या होगा इस हैवान का अंजाम?
यह मामला न केवल एक सिपाही की क्रूरता को उजागर करता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या वर्दी की आड़ में ऐसे अपराध करने वालों को सजा मिल पाएगी? पीड़िता की हिम्मत और कानून पर भरोसे ने इस कहानी को सामने लाया है, लेकिन अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या इंसाफ की डोर इस हैवान को सलाखों के पीछे ले जाएगी?
यह कहानी न सिर्फ एक महिला की पीड़ा को बयां करती है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी रक्षा करने वाले ही जब जुल्म ढाने लगें, तो इंसाफ की उम्मीद कहाँ से की जाए?