वाराणसी, 25 मई 2025, रविवार। वाराणसी की गलियों में आम की खुशबू और काशी की रौनक का मेल कुछ ऐसा है कि हर कोई इसका दीवाना हो जाए। लेकिन जब बात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ठेले पर रुकने की आई, तो यह नजारा और भी खास हो गया। काशी का मशहूर लंगड़ा आम, जो पहले से ही अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, अब एक अनोखी कहानी का हिस्सा बन गया।
मंत्री जी का ठेला और लंगड़ा आम का जादू
हाल ही में, जब डिप्टी सीएम केशव मौर्य वाराणसी की सैर पर निकले, तो उनकी नजर पड़ी संतोष सोनकर के आम के ठेले पर। संतोष से पूछा, “कौन सा आम है?” जवाब मिला, “काशी का फेमस लंगड़ा आम, साहब!” बस, एक आम चखा और स्वाद ने ऐसा जादू किया कि मौर्य जी ने पूरे ठेले का सौदा कर डाला। 70 किलो आम, 8 हजार रुपये में! न सिर्फ खुद खाया, बल्कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल और काशी के मेयर अशोक तिवारी के साथ भी बांटा।
संतोष सोनकर के लिए तो यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं था। “1 हजार का सीधा मुनाफा हुआ, मंत्री जी ने मिठाई दी और पीठ भी थपथपाई,” संतोष ने खुशी से कहा। एक साधारण ठेले वाला उस दिन स्टार बन गया, और लंगड़ा आम ने काशी की गलियों में एक नई कहानी लिख दी।
काशी के लंगड़ा आम की गौरव गाथा
लंगड़ा आम सिर्फ एक फल नहीं, काशी की शान है। 2023 में इसे GI टैग मिला, जो इसकी अनूठी पहचान और गुणवत्ता का प्रमाण है। 300 साल पुराने इतिहास वाला यह आम अपने रसीले, मीठे और हल्के खट्टे स्वाद के लिए मशहूर है। काशी का यह खास आम अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। यह अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों में भी धूम मचा रहा है। सोशल मीडिया पर भी लंगड़ा आम स्टार बन चुका है, जहां लोग इसके स्वाद की तारीफ करते नहीं थकते।
आम से खास बनने की कहानी
यह घटना सिर्फ एक ठेले की बिक्री की कहानी नहीं, बल्कि काशी की संस्कृति, स्वाद और आतिथ्य की मिसाल है। डिप्टी सीएम के इस छोटे से पड़ाव ने न सिर्फ संतोष जैसे दुकानदार का दिन बनाया, बल्कि लंगड़ा आम की ख्याति को और बढ़ा दिया। काशी का यह आम अब हर दिल में बसता है – चाहे वह सड़क किनारे का ठेला हो या विदेशों की मेज।
तो अगली बार जब आप काशी की गलियों में हों, लंगड़ा आम जरूर चखें। कौन जानता है, शायद आपका दिन भी संतोष की तरह बन जाए – मुनाफे, मिठास और सम्मान से भरा!