नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर में धरना दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान नागरिकों की मौत न हो। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें कभी भी घाटी में विरोध दर्ज करने की अनुमति नहीं दी गई।
जब भी उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करने की योजना बनाई उन्होंने हिरासत में लिया गया या नजरबंद कर दिया गया। सोमवार को जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ता के साथ महबूबा धरने में शामिल हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर एक ऐसी जेल बन गई है जहां लोगों को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति नहीं है।
अगस्त 2019 से लोगों का लगातार दमन किया जा रहा है। केंद्र सरकार गलत बयानबाजी कर घाटी में सबकुछ बेहतर होने की बात जोरशोर से प्रचारित कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस आरोप से इनकार किया कि उन्होंने पुलिस की हर कार्रवाई पर सवाल उठाए। कहा कि जब मुठभेड़ में आतंकवादी मारा जाता है तो कोई सवाल नहीं करता है, लेकिन जब नागरिक मारा जाता है, तभी लोग बाहर आते हैं और सवाल पूछने लगते हैं।
मुफ्ती ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार चरम पर है,स्थानीय निवासियों को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं यहां देश के लोगों को यह कहने आई हूं कि अगर वे अब भी नहीं जागते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब (महात्मा) गांधी और (बीआर) आंबेडकर का देश (नाथूराम) गोडसे के देश में बदल जाएगा और उसके बाद हम सब बेबस हो जाएंगे।”
कई फोटो पत्रकारों ने मुफ्ती से बेहतर तस्वीर के लिए अपना मास्क हटाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने मुस्कुराकर कर जवाब दिया अगर मैं मास्क हटा दूं तो मेरे खिलाफ फौरन यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।