वाराणसी, 15 जून 2025, रविवार। काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप बसी ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाली दालमंडी अब जल्द ही नए और आधुनिक स्वरूप में नजर आएगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस क्षेत्र की सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए 15 करोड़ रुपये का टेंडर फाइनल कर लिया है। निर्माण कार्य के लिए एजेंसी का चयन हो चुका है, लेकिन प्रभावित दुकानदारों और मकान मालिकों को मुआवजा वितरण के लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। इस परियोजना से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि काशी विश्वनाथ धाम तक श्रद्धालुओं की पहुंच भी आसान हो जाएगी।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
सड़क का दायरा: 650 मीटर लंबी सड़क को मौजूदा 3-9 मीटर की चौड़ाई से बढ़ाकर 17.5 मीटर किया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्र: लगभग 184 मकान और 1500 दुकानें इस परियोजना की जद में आएंगी।
धार्मिक स्थल: 6 मस्जिदों के कुछ हिस्से भी प्रभावित होंगे।
लाभ: तंग गलियों में पैदल चलने की परेशानी खत्म होगी और बेनिया से काशी विश्वनाथ धाम तक की दूरी मिनटों में तय हो सकेगी।
श्रद्धालुओं को राहत: चौड़ी सड़क से मंदिर तक पहुंच आसान होगी, जिससे पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुआवजा योजना और प्रशासनिक स्थिति
प्रशासन ने मुआवजा वितरण के लिए स्पष्ट प्रारूप तैयार किया है। जिनके पास नगर निगम का टैक्स भुगतान रिकॉर्ड या पीला कार्ड है, वे मुआवजे के पात्र होंगे। इस संबंध में पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है और कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुआवजा वितरण शुरू होगा। परियोजना के खिलाफ हाईकोर्ट में 21 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें से अधिकतर का निस्तारण हो चुका है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भूमि अधिग्रहण आपसी सहमति या 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत ही होगा। बिना वैधानिक अधिकारों के किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं की जाएगी, जैसा कि कोर्ट ने भी निर्देश दिया है।
दालमंडी का ऐतिहासिक और व्यापारिक महत्व
दालमंडी, जिसे कभी “डॉल मंडी” के नाम से जाना जाता था, पूर्वांचल का सबसे पुराना व्यापारिक केंद्र रहा है। यह बाजार ईद, दिवाली, होली जैसे त्योहारों पर खरीदारी का प्रमुख गंतव्य रहा है। आज यह क्षेत्र मोबाइल, कपड़े, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कॉस्मेटिक्स का हब बन चुका है। तंग गलियों और भीड़ के बावजूद, यह बाजार अपनी सांस्कृतिक और व्यापारिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
भविष्य की राह
इस परियोजना के पूरा होने के बाद दालमंडी की तस्वीर बदल जाएगी। चौड़ी सड़कें न केवल स्थानीय लोगों और व्यापारियों के लिए सुविधाजनक होंगी, बल्कि काशी विश्वनाथ धाम आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को भी राहत देंगी। बेनिया से मंदिर तक का सफर मिनटों में पूरा हो सकेगा, जिससे काशी का पर्यटन और व्यापार और भी चमकेगा।
प्रशासन का कहना है कि यह परियोजना काशी की प्राचीनता को आधुनिकता से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब सबकी निगाहें कैबिनेट के फैसले पर टिकी हैं, जिसके बाद इस ऐतिहासिक बदलाव की प्रक्रिया तेजी पकड़ेगी।