वाराणसी। देश की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन नगरी काशी में डॉग बाइट की कई दिल दहलाने वाली घटनाएं सामने आ चुकी है। वाराणसी में लावारिस कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने और निवासियों की परेशानी को दूर करने के लिए नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी के लिए सितंबर माह के अंत में टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

काशीवासियों व पर्यटकों को लावारिस कुत्तों से होने वाली परेशानी की शिकायत आए दिन नगर निगम तक आती रहती है। इस समस्या को हल करने के लिए पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी संतोष पाल ने बताया कि कुत्तों की नसबंदी के लिए तीसरी बार टेंडर किया गया है। टेंडर 30 सितंबर को खोलने का निर्णय लिया गया है। वहीं बंदर पकड़ने के लिए टेंडर खुल चुका है। अनुबंध के लिए मथुरा की संबंधित फर्म को पत्र भी भेजा जा चुका है। अनुबंध होते ही बंदर पकड़ने अभियान शुरू किया जाएगा।

खबरों के मुताबिक, शहर में करीब 35 हजार से अधिक कुत्ते होने की संभावना है। नगर निगम पांच साल में करीब 19,000 कुत्तों की नसबंदी कर चुका है। करीब 16,000 कुत्तों की नसबंदी अब तक नहीं हो सका है। बता दें, छह माह में शहर में एक भी नसबंदी नहीं किया जा सका है। टेंडर के पेंच में कुत्ता ही नहीं बंदर पकड़ने का अभियान ठप चल रहा है। कुत्तों की नसबंदी करने वाली मानव गौरव निर्माण संस्थान नामक एनजीओ के टेंडर की अवधि 31 मार्च को ही समाप्त हो गई थी। इसके बाद से कुत्तों की नसबंदी प्रक्रिया ठप है। इसके चलते कुत्तों की संख्या और आतंक तेजी से बढ़ा है। यह प्रकरण निगम की कार्यकारिणी में कई बार उठ चुका है।
