वाराणसी, 9 दिसंबर 2024, सोमवार। सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक) युगल शंभू की कोर्ट में सोमवार को वर्ष 1991 के प्राचीन स्वयंभू लॉर्ड आदिविश्वेश्वर वाद में सुनवाई हुई। इस दौरान वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने पक्षकार बनाए जाने की योगेंद्र नाथ व्यास की अर्जी के विरोध में बहस पूरी की। अब वादी रहे मृतक सोमनाथ व्यास के भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास की ओर से अपना पक्ष रखा जाना है। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसम्बर को होगी।
वादी रहे मृतक सोमनाथ व्यास के भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास ने पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दी थी। उनका कहना है कि परिसर में पूजा पाठ का अधिकार व्यास परिवार के पूर्वजों की ओर से चला आ रहा है। परिवार के सोमनाथ व्यास मामले में वादी थे। ऐसे में उनके निधन के बाद मुकदमे में पक्षकार बनने का अधिकार वादी को है।
वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इसका विरोध किया था। उनका कहना है कि योगेंद्रनाथ व्यास ने व्यास गद्दी के व्यक्तिगत अधिकार को लेकर दावा किया है। आम हिंदू, जनता और काशी विश्वनाथ के हित के संबंध एक भी शब्द अर्जी में नहीं दर्शाए हैं। यह मुकदमा व्यास गद्दी का नहीं है। इसलिए उन्हें पक्षकार बनाने का अधिकार नहीं है। उनका विवाद काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास और सरकार से है। इसलिए पुराने वाद में पक्षकार नहीं बन सकते।