54 हजार वर्गमीटर में फैले काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण महोत्सव को भव्य स्वरूप दिया जाएगा। काशीपुराधिपति के धाम का वैभव पूरी दुनिया देखेगी। धाम के लोकार्पण उत्सव का साक्षी बनने के लिए देश भर से श्रद्धालुओं का काशी आगमन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लाकार्पण करेंगे। इस दौरान काशी में फिर से देव दीपावली जैसा उत्सव देखने को मिलेगा। घाटों पर दीप सजेंगे और लेजर शो होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकार्पण की तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर हर घर में दीप जलाने की तैयारी है। जिसे सफल बनाने के लिए मंगलवार को भाजपा काशी क्षेत्र कार्यालय केशरीपुर रोहनिया के सभागार में पार्टी की जिलास्तरीय बैठक हुई।
बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने बताया कि बाबा धाम में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। हम सौभाग्यशाली हैं जो इस महा परिवर्तन के साक्षी बनने जा रहे हैं। काशी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में एक दीपक बाबा विश्वनाथ के नाम पर जलाने के लिए लोगों से संपर्क किया जाएगा
प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचने के तुरंत बाद काशी के कोतवाल काल भैरव से अनुमति लेकर सड़क मार्ग से खिड़किया घाट पहुंचेंगे और यहां क्रूज से ललिता घाट जाएंगे। यहां गंगा तट पर बने गेटवे ऑफ कॉरिडोर के रास्ते हाथ में गंगा जल लेकर धाम में प्रवेश करेंगे। देश के सभी संप्रदायों के प्रमुख संतों के मंत्रोच्चार के बीच मुख्य यजमान प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ का विशेष अनुष्ठान करेंगे।
आभासी म्यूजियम काशी की पुरानी गलियों का कराएगा आभास
काशी विश्वनाथ धाम को श्रद्धालुओं के लिए सर्व सुविधा युक्त बनाने के साथ ही उसमें काशी की झलक भी समेटी जा रही है। वर्चुअल म्यूजियम में थ्रीडी के जरिए कल-कल करती गंगा की लहरें होंगी और खूबसूरत घाट भी निहारे जाएंगे। इसके साथ ही महादेव की नगरी का पूरा इतिहास, भौगोलिक स्थिति, साहित्य, पौराणिक मान्यताओं आदि को भी जीवंत किया जाएगा। काशी की पुरानी और स्मार्ट गलियों में विचरण का आभास होगा
काशी विश्वनाथ धाम 54000 वर्गमीटर मे फैला हुआ है। धाम का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण का काम अंतिम चरण में है। पहले चरण की परियोजना में मंदिर चौक, वाराणसी सिटी गैलरी, म्यूजियम, बहुउद्देशीय सभागार, हॉल, भक्त के लिए सुविधा केंद्र, सार्वजनिक सुविधा, मोक्ष गृह, गोदौलिया गेट, भोगशाला, पुजारियों और सेवादारों के लिए आश्रय, आध्यात्मिक पुस्तक पैलेस और अन्य का निर्माण शामिल है।
दूसरे चरण में ये काम होंगे पूरे
मंदिर चौक से विश्वनाथ धाम परिसर के साथ ही गंगा दर्शन किए जा सकेंगे। दूसरे चरण में जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण, एस्केलेटर, सांस्कृतिक केंद्र आदि का निर्माण किया जाना है। जलासेन घाट पर गंगा स्नान के बाद धाम में प्रवेश के लिए प्रस्तावित भव्य मुख्य द्वार का निर्माण किया जाना है। दूसरे चरण का निर्माण कार्य 60 करोड़ रुपये में पूरा होगा।