वाराणसी, 7 अगस्त 2025: काशी की प्राचीन गलियों और घाटों की सैर अब एक नए अंदाज में होगी! देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे वाराणसी में न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि अपनी अनूठी सुविधाओं से हर यात्री के दिल को जीत लेगा। यह रोपवे सिर्फ एक परिवहन साधन नहीं, बल्कि तकनीक और संवेदनशीलता का शानदार संगम है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक यादगार अनुभव लेकर आएगा।
माताओं और बच्चों के लिए खास सुविधा
रोपवे स्टेशनों पर बेबी फीडिंग रूम की व्यवस्था होगी, जो माताओं को अपने नन्हे-मुन्नों के लिए एक निजी और आरामदायक जगह प्रदान करेगा। यह सुविधा खासतौर पर उन परिवारों के लिए वरदान साबित होगी, जो छोटे बच्चों के साथ काशी की सैर पर निकलते हैं।
दिव्यांगों और नेत्रहीनों के लिए विशेष ध्यान
इस रोपवे की सबसे खास बात है इसका समावेशी दृष्टिकोण। नेत्रहीन यात्रियों के लिए स्टेशनों पर टेक्टाइल टाइल्स और ब्रेल लिपि में संकेत होंगे, जो उन्हें स्टेशन में प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से मार्गदर्शन करेंगे। इन पीले रंग की टाइल्स में खास उभार होंगे, जो नेत्रहीनों को दिशा बदलने या रुकने का संकेत देंगे।
दिव्यांग यात्रियों के लिए रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा हर स्टेशन पर उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं, रोपवे की गोंडोला में भी व्हीलचेयर के साथ यात्रा की जा सकेगी। गोंडोला की सीटों को फोल्ड करने की व्यवस्था होगी, ताकि व्हीलचेयर पर बैठे यात्री आसानी से सफर कर सकें।
तकनीक और पर्यटन का अनोखा मेल
कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 3.85 किलोमीटर की दूरी को यह रोपवे मात्र 16 मिनट में तय करेगा। 29 टावरों के सहारे 45-50 मीटर की ऊंचाई पर हवा में तैरती 148 गोंडोला (ट्रॉली कार) एक बार में 10 यात्रियों को ले जा सकेंगी। हर घंटे एक दिशा में 3,000 और दोनों दिशाओं में कुल 6,000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यह सुविधा न केवल समय बचाएगी, बल्कि काशी के घाटों और मंदिरों तक पहुंचने का एक सुरक्षित और रोमांचक रास्ता भी देगी।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
वाराणसी में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यह रोपवे उन्हें कैंट स्टेशन से घाटों और मंदिरों तक आसानी से पहुंचाने में मदद करेगा। ऊंचाई से काशी के खूबसूरत नजारों को देखने का अनुभव अपने आप में अनूठा होगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
एक कदम समावेशिता की ओर
वाराणसी का यह रोपवे तकनीक के साथ-साथ सामाजिक संवेदनशीलता का भी प्रतीक है। महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगों और नेत्रहीनों के लिए विशेष सुविधाओं के साथ यह परियोजना हर वर्ग के लिए सुलभ और सुविधाजनक है। लिफ्ट के बटनों पर ब्रेल लिपि, रैंप, व्हीलचेयर और टेक्टाइल टाइल्स जैसी व्यवस्थाएं इस बात का सबूत हैं कि यह रोपवे सिर्फ परिवहन का साधन नहीं, बल्कि एक ऐसी पहल है जो सभी को साथ लेकर चलती है।
काशी की यह नई उड़ान न केवल शहर की सैर को आसान बनाएगी, बल्कि हर यात्री के लिए एक समावेशी, सुरक्षित और यादगार अनुभव भी सुनिश्चित करेगी। तैयार हो जाइए, क्योंकि वाराणसी का रोपवे आपको एक अनोखी यात्रा पर ले जाने वाला है!