वाराणसी 20 सितंबर। आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है। तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में चर्बी और मछली का तेल मिलाए जाने को लेकर काशी के साधु-संतों ने गहरी नाराजगी जताई है। संतों ने केंद्र सरकार से इस मामले में दखल दिए जाने और दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ये धार्मिक अपराध है। कहा कि आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने का जो मुद्दा उठाया है यह बहुत ही गंभीर है। धार्मिक दृष्टि से यह अक्षम्य अपराध है।
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने इस मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर में लड्डुओं का प्रसाद बनाने की सामग्री में गो-वंश की चर्बी और मांस मिलाने की सूचना आधिकारिक रूप से आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू द्वारा दिए जाने पर हिंदू समाज के श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है। प्रोफेसर राम नारायण ने कहा कि नायडू ने बताया था कि यह तथ्य पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिसका खुलासा सरकार की प्रयोगशाला रिपोर्ट में हुआ। प्रोफेसर ने कहा कि हम इसकी कटु निंदा करते हैं। हमारी केंद्र सरकार व आंध्र प्रदेश सरकार से मांग है कि इस तथ्य की गंभीरता से और जांच होनी चाहिए। विद्वत परिषद शीघ्र ही बैठक कर इस बारे में उचित निर्णय लेगी। क्योंकि इस तथ्य से तिरुपति जाने वाले लगभग 30 करोड़ हिंदू भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है।
बजरंग दल नेता निखिल त्रिपाठी रुद्र ने कहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए। जो भी लोग इस मामले में दोषी हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें सबक सिखाने के लिए फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखाया जा सके। उन्होंने कहा है कि इस खुलासे से देश भर का हिंदू समाज दुखी है। आरोप लगाया कि यह देश दुनिया के करोड़ों करोड़ सनातनियों की आस्था और विश्वास को बड़ी चोट देने की साजिश है।
गौरतलब है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हुई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अब जांच के बाद रिपोर्ट सामने आई है जिसमें फिश ऑयल मिलने की बात कही गई है। सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि जगन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई गई। इस खबर के बाद पूरे देश में बवाल मच गया। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं का वितरण न केवल श्रद्धालुओं के बीच किया गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता था। ये मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है। जिसके बाद अब इस मामले में नेताओं के बाद कई बड़े-बड़े साधू संतों के बयान भी सामने आ रहे हैं जो कि आरोपियों की फांसी की मांग कर रहे हैं।