वाराणसी, 30 जून 2025: काशी नरेश की ऐतिहासिक मिंट हाउस प्रॉपर्टी (टकसाल) पर स्वामित्व को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। काशी नरेश की तीन बेटियों द्वारा इस संपत्ति में अपना नाम दर्ज कराने का दावा एसडीएम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह को ही संपत्ति का एकमात्र वारिस माना है।
कुंवर के पावर ऑफ अटॉर्नी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि बेटियों ने 1969 के एक कथित पारिवारिक समझौते के आधार पर दावा पेश किया था, जो रजिस्टर्ड नहीं था। एसडीएम सदर सुनीता गुप्ता ने दस्तावेजों की जांच के बाद इसे फर्जी करार देते हुए दावा खारिज कर दिया। इससे पहले, बेटियों ने 1952 के एक कथित बख्शीशनामा के आधार पर नायब तहसीलदार के समक्ष भी दावा किया था, जिसे भी अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने एसडीएम कोर्ट में अपील की, जो अब खारिज हो चुकी है।
अनिल कुमार सिंह ने यह भी खुलासा किया कि मिंट हाउस प्रॉपर्टी पर अवैध रूप से बस स्टैंड का संचालन हो रहा है। इसके खिलाफ जल्द ही नगर आयुक्त और पुलिस आयुक्त से शिकायत की जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 2000 में पूर्व काशी नरेश महाराज विभूति नारायण सिंह ने अपनी वसीयत में पूरी संपत्ति कुंवर डॉ. अनंत नारायण सिंह के नाम कर दी थी।
यह मामला काशी की ऐतिहासिक धरोहर और संपत्ति से जुड़ा होने के कारण चर्चा में बना हुआ है। कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर काशी नरेश की विरासत को लेकर स्पष्टता प्रदान की है।