नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बीच, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने धनखड़ के साथ अपने दशकों पुराने व्यक्तिगत रिश्ते को याद करते हुए एक भावुक बयान जारी किया है। सिब्बल ने कहा कि भले ही उनके और धनखड़ के बीच राजनीतिक मतभेद रहे हों, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर उनका रिश्ता हमेशा मजबूत और सम्मानजनक रहा।
सिब्बल ने कहा, “मैं धनखड़ जी को 30-40 सालों से जानता हूँ। हमने कई बार एक-दूसरे के साथ काम किया और कई बार एक-दूसरे के खिलाफ भी खड़े हुए। फिर भी, हमारे बीच एक अनोखा रिश्ता रहा। मैंने हमेशा उनका सम्मान किया और उन्होंने भी मेरा सम्मान किया।” उन्होंने बताया कि धनखड़ उनके कुछ पारिवारिक समारोहों में शामिल हुए, जिससे उनके बीच की नजदीकी और गहरी थी।
सिब्बल ने धनखड़ के उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “धनखड़ साहब का एक स्पष्ट दृष्टिकोण था और वे बिना किसी संकोच के अपनी बात रखते थे। उनकी सक्रियता बेजोड़ थी; शायद ही कोई उपराष्ट्रपति इतना सक्रिय रहा हो।” सिब्बल ने यह भी खुलासा किया कि जब भी उन्हें राज्यसभा में बोलने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए होता था, वे धनखड़ से उनके कक्ष में मिलते थे, और धनखड़ ने कभी उन्हें निराश नहीं किया। “उन्होंने मुझे हमेशा स्वतंत्र सांसदों को मिलने वाले समय से थोड़ा अधिक समय दिया,” सिब्बल ने याद किया।
धनखड़ के इस्तीफे की वजह पर टिप्पणी करते हुए सिब्बल ने कहा, “कोई भी इतना बड़ा पद बिना वजह नहीं छोड़ता। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कारण बताया है।” सिब्बल ने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए कहा, “मुझे उनके इस्तीफे से दुख है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और लंबे जीवन की प्रार्थना करता हूँ।”
धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े किए हैं। उनके पत्र में उल्लिखित कारणों पर चर्चा तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में इस पर और खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल, सिब्बल का यह बयान न केवल उनके और धनखड़ के बीच गहरे रिश्ते को दर्शाता है, बल्कि धनखड़ के व्यक्तित्व और कार्यशैली की भी एक झलक पेश करता है।