लाखों श्रद्धालुओं को मिली मुफ्त चिकित्सा, कुंभ 2027 के लिए आदर्श मॉडल
हरिद्वार, 25 जुलाई 2025: उत्तराखंड की धामी सरकार ने कांवड़ मेला 2025 में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सावन माह के इस विशाल धार्मिक आयोजन में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क, त्वरित और सुलभ चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। भारी भीड़, सीमित संसाधनों और मौसमी चुनौतियों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने अनुशासन, नवाचार और सेवा भावना का अनूठा मॉडल प्रस्तुत किया। इस सफलता में मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार डॉ. आर.के. सिंह की रणनीतिक निगरानी और नेतृत्व की अहम भूमिका रही।
मुख्यमंत्री धामी का संकल्प: सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक श्रद्धालु को सुरक्षित, सम्मानित और स्वस्थ यात्रा का अनुभव मिले।” कांवड़ मेले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली ने जनसेवा, प्रबंधन और तकनीक का शानदार समन्वय प्रदर्शित किया, जिसने न केवल श्रद्धालुओं का भरोसा बढ़ाया, बल्कि उत्तराखंड की सेवा भावना को भी सुदृढ़ किया।

स्वास्थ्य सेवाओं का अभूतपूर्व प्रबंधन
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, मेला क्षेत्र में 2.43 लाख श्रद्धालुओं को प्राथमिक और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। 24×7 इमरजेंसी सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित हुईं, जिसके परिणामस्वरूप न तो कोई संक्रामक रोग फैला और न ही कोई बड़ा हादसा हुआ। यह मॉडल आगामी कुंभ मेला 2027 के लिए भी आदर्श बनेगा।
35 अस्थायी और 5 स्थायी चिकित्सा शिविर
मेले में 35 अस्थायी चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए, जिनमें 25 सरकारी और 10 निजी संस्थाओं द्वारा संचालित थे। इसके अतिरिक्त, 5 कंटेनर आधारित स्थायी चिकित्सा केंद्र बनाए गए, जो भविष्य के आयोजनों में भी उपयोगी होंगे। सभी शिविरों की जियो-टैगिंग और QR कोडिंग की गई, जिससे श्रद्धालु आसानी से नजदीकी शिविर की जानकारी प्राप्त कर सके।
आधुनिक तकनीक और मानव संसाधन
स्वास्थ्य सेवाओं में 45 डॉक्टर, 69 फार्मासिस्ट, 48 ईएनटी विशेषज्ञ, 58 स्टाफ नर्स, 58 एएनएम, 45 सीएचओ, 44 वाहन चालक, 108 एम्बुलेंस समेत 36 आपातकालीन वाहन तैनात रहे। सभी पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल अलर्ट मोड पर रखे गए। बर्न यूनिट, ईसीजी मशीन, स्नेक बाइट और डॉग बाइट यूनिट, व्हीलचेयर, ऑक्सीजन और फोल्डेबल बेड जैसी सुविधाएं संवेदनशील मामलों के लिए उपलब्ध थीं। बायोमेडिकल वेस्ट का समुचित निस्तारण सुनिश्चित किया गया, जिससे मेला क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित रहा।

नशामुक्त कांवड़ यात्रा का संदेश
‘नशा नहीं, भक्ति से मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद’ का संदेश पोस्टर, वेबसाइट और मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया गया। प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बेहतरीन तालमेल ने मेले को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाया।
नीलकंठ श्रावण मेला: 39,000 से अधिक को मुफ्त सेवाएं
पौड़ी जनपद में नीलकंठ श्रावण मेले 2025 में 39,000 से अधिक श्रद्धालुओं को 24×7 उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। नीलकंठ यात्रा मार्ग पर 9 मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित की गईं, जिनमें 24 चिकित्सक, 20 फार्मेसी अधिकारी, 20 नर्सिंग अधिकारी, 10 कक्ष सेवक और 10 सफाई कर्मचारी तैनात रहे। 7 एम्बुलेंस और 2 मोबाइल टीमें आपात स्थिति के लिए तैयार थीं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एम. शुक्ला के निर्देशन में लक्ष्मण झूला में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित हुआ।
श्रद्धालुओं को मिला प्रभावी उपचार
बुखार, उल्टी-दस्त, सांस फूलना, चोटें, सर्पदंश, कुत्ते के काटने, त्वचा रोग, मिर्गी, हाई बीपी और शुगर जैसी समस्याओं का त्वरित उपचार किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह आयोजन सेवा, नवाचार और प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो उत्तराखंड को कुंभ 2027 जैसे बड़े आयोजनों के लिए तैयार करता है।