कानपुर, 19 मार्च 2025, बुधवार। कानपुर में उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (UP ATS) ने एक सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत जूनियर वर्क्स मैनेजर कुमार विकास को गिरफ्तार किया गया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा था। इस खुलासे ने न केवल ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फेसबुक से शुरू हुई जासूसी की कहानी
कुमार विकास की यह कहानी जनवरी 2025 में फेसबुक से शुरू हुई, जब वह एक कथित पाकिस्तानी एजेंट ‘नेहा शर्मा’ के संपर्क में आया। नेहा ने खुद को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) की कर्मचारी बताकर विकास का भरोसा जीता। दोनों ने जल्द ही फेसबुक से व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू की। जांच में पता चला कि ‘नेहा शर्मा’ एक फर्जी पहचान थी, जिसके पीछे ISI का हाथ था। विकास ने पैसे के लालच में आकर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की संवेदनशील और गोपनीय जानकारी इस एजेंट के साथ साझा करनी शुरू कर दी।
व्हाट्सएप और लूडो एप बने जासूसी के हथियार
इस जासूसी के खेल में व्हाट्सएप और लूडो एप जैसे आम मंचों का इस्तेमाल किया गया। विकास ने व्हाट्सएप के जरिए फैक्ट्री के महत्वपूर्ण दस्तावेज, उपकरणों की जानकारी, गोला-बारूद उत्पादन के आंकड़े, कर्मचारियों की उपस्थिति शीट, मशीनों का लेआउट और उत्पादन से जुड़े चार्ट नेहा को भेजे। गोपनीयता बनाए रखने के लिए दोनों लूडो गेमिंग एप का सहारा लेते थे, जहां वे संदेशों का आदान-प्रदान करते थे। यह तरीका इतना चालाकी भरा था कि सामान्य नजरों से इसे पकड़ना मुश्किल था।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में मचा हड़कंप
जैसे ही UP ATS को इस मामले की भनक लगी, तुरंत कार्रवाई शुरू की गई। जांच में विकास की गतिविधियों का खुलासा हुआ और उसे हिरासत में लिया गया। इस घटना ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मचा दी। यह दूसरा मौका है जब हाल के दिनों में यूपी ATS ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से जुड़े कर्मचारी को ISI के लिए जासूसी करते पकड़ा है। इससे पहले 13 मार्च को फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी रविंद्र कुमार को भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
कुमार विकास की गिरफ्तारी ने एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे को उजागर किया है। ATS के अतिरिक्त महानिदेशक नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि विकास ने पैसे के लालच में देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली जानकारियां साझा कीं। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 148 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धारा 3/4/5 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
आगे की जांच जारी
UP ATS अब इस मामले की गहराई में जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या विकास किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था। यह भी जांच की जा रही है कि नेहा शर्मा के जरिए और कितने लोग ISI के संपर्क में थे। इस घटना ने संवेदनशील संस्थानों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने की जरूरत को फिर से रेखांकित किया है।
कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हुई इस घटना ने देश को चौंका दिया है। यह सवाल उठता है कि क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था में अभी भी ऐसी खामियां हैं, जिनका फायदा दुश्मन उठा सकता है? यूपी ATS की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह एक चेतावनी भी है कि हमें और सतर्क रहने की जरूरत है।