वाराणसी, 3 जनवरी 2025, शुक्रवार। वाराणसी में चाइनीज मांझे का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह जानलेवा धागा न केवल मासूमों और बुजुर्गों के लिए, बल्कि राहचलते हर किसी के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। अब तक कई जानें जा चुकी हैं और कई लोग घायल हुए हैं। यह सवाल उठता है कि जब चाइनीज मांझे पर रोक लगी हुई है, तो फिर इसकी बिक्री क्यों जारी है? क्या प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ है? या फिर यह एक बड़ा व्यवसायिक खेल है, जिसमें लोगों की जान की कीमत पर मुनाफा कमाया जा रहा है?
हाल ही में, इस हत्यारे चाइनीज मांझे की चपेट में आकर विवेक शर्मा की मौत ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। सयुस के प्रदेश महासचिव एवं समाजवादी पार्टी के नेता किशन दीक्षित के नेतृत्व में शुक्रवार को लोगों ने विवेक शर्मा के कोनिया स्थित घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर ‘न्याय मार्च’ निकाला। इस मार्च में विवेक के पिता राजेश शर्मा सहित परिवार के लोग भी शामिल हुए और लोगों ने चाइनीज मांझे के खिलाफ नारे लगाए। लोगों में शासन प्रशासन के प्रति गुस्सा था, साथ ही दुःखद घटना के कारण लोग गमगीन माहौल में थे। कोनिया से निकला न्याय मार्च कज्जाकपुरा पहुंचने पर सभा में तब्दील हो गया।
विवेक के पिता राजेश ने कहा कि उनके घर का दीपक तो बुझ गया, लेकिन प्रशासन को चाइनीज मांझे पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी दूसरे के घर का चिराग न बुझे। लेकिन सरकार और प्रशासन को यह बात समझने में कितना समय लगेगा? क्या वे लोगों की जान की कीमत पर अपनी नाकामी को छुपाने की कोशिश करेंगे? वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता किशन दीक्षित ने कहा कि शासन और प्रशासन की नाकामी के कारण ही बनारस की सड़कों पर मौत की डोर हादसे को दावत दे रही है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के त्योहार पर रिवाज के मुताबिक खूब पतंगबाजी होती है। आसमान में पेच लड़ेंगे, पतंगे कटेंगी। कटी पतंगों के चाइनीज मांझे कई लोगों की जान न लें, इससे पहले इस खूनी खेल को बंद करना होगा।
हाथों में तख्तियां, दिल में गम, चाइनीज मांझे के खिलाफ न्याय मार्च में उमड़ा जनाक्रोश!
चाइनीज मांझे की वजह से विवेक शर्मा की मौत के बाद ‘न्याय मार्च’ में शामिल लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर विभिन्न स्लोगन ‘हवा में उड़ती मौत का परवाना… प्रतिबंधित है फिर भी बेच रहा कौन… खरीदने वाले-बेचने वाले दोनों गुनाहगार… कल आप भी हो सकते हैं इसके शिकार… इस्तेमाल करने वाले देशद्रोही… बेचने वाले राक्षस, खा रहे खून की रोटी’ लिखे गए थे। इन स्लोगनों के जरिये लोगों ने अपना आक्रोश और गुस्सा व्यक्त किया और सरकार से चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
‘न्याय मार्च’ में ये रहे मौजूद
कोनिया से कज्जाकपुरा तक निकली न्याय मार्च में पार्षद अमरदेव यादव, अश्विनी तिवारी, पारस नाथ जायसवाल, सुरेश यादव उर्फ गुड्डू, रामचन्द्र मौर्य, मोहन यादव, कौशलेंद्र कुमार उर्फ मल्लू, दीपक विश्वकर्मा, मेवा यादव, सलीम अहमद, नन्हकू गुप्ता, संजय मौर्या, बलराम तिवारी, अल्ताफ़ू रहमान, पंकज कन्नौजिया, हनुमत सिंह, अनिल सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में आमजनमानस मौजूद रहे।