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Sunday, November 17, 2024

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का विदाई समारोह: एक यादगार दिन

नई दिल्ली, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए सुप्रीम कोर्ट में विदाई समारोह आयोजित किया गया। यह उनके आखिरी कार्य दिवस के अवसर पर था, क्योंकि वे 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस समारोह में कई जजों और वकीलों ने चंद्रचूड़ की प्रशंसा की। उनकी दरियादिली और जीवन के अनुभवों के साथ-साथ कोर्ट में तकनीक को शामिल करने के प्रयासों की सराहना की गई। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा युवा रहने के राज के बारे में पूछने पर सभी लोग हंस पड़े।
वहीं, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद की योजनाओं को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। नानी पालकीवाला लॉ क्लब के एक सदस्य वकील ने उन्हें इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पद संभालने के लिए बधाई दी, जिस पर चंद्रचूड़ अवाक रह गए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनने की भी चर्चा है, जून 2024 से यह पद खाली है। फिलहाल विजया भारती सयानी कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
विदाई समारोह में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका स्वभाव 5C के लिए जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि इन पांच C से उनका मतलब है – शांत (Calm), ठंडा (Cool), संयमित (Composed), आलोचनात्मक नहीं (Not Critical) और निंदा करने वाला नहीं (Not Condemning)। वेंकटरमन ने यह भी कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं और इन सफलताओं को उन्होंने सिर्फ अपने सिर पर नहीं रखा, बल्कि अपनी टीम के साथ मिलकर हासिल किया है। यह उनकी सच्ची नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके निर्णय और भाषण हमेशा विचारोत्तेजक रहे हैं और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ वकील शिखिल सूरी ने अपने बेटे द्वारा बनाई गई चंद्रचूड़ की पेंटिंग दिखाई, जो एक सुंदर भावना थी।
जस्टिस चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी जस्टिस संजीव खन्ना ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी, कहा कि उन्होंने उनका काम आसान और मुश्किल दोनों बना दिया है। उन्होंने कहा कि चंद्रचूड़ ने कई बदलाव शुरू किए हैं, लेकिन अब उन्हें उसे उस गति से जारी रखना मुश्किल होगा। जस्टिस खन्ना ने यह भी कहा कि चंद्रचूड़ की जवानी की चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी होती है, यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में लोग उनकी उम्र पूछते हैं। यह उनकी व्यक्तित्व और कार्यशैली का प्रभाव है जो उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

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