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Tuesday, July 8, 2025

जेपी नड्डा को मिल सकता है एक साल का विस्तार, नए अध्यक्ष का चुनाव कराने पर हो रहा मंथन

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक साल का विस्तार मिल सकता है। पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव टालने और लोकसभा चुनाव से पहले नए अध्यक्ष का चुनाव कराने पर मंथन हो रहा है। विस्तार के लिए कोरोना महामारी के कारण अपने कार्यकाल में नड्डा को काम करने का अधिक अवसर नहीं मिल पाने का हवाला दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि नड्डा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल इस संबंध में अंतिम फैसला नहीं हो पाया है और मंथन का सिलसिला जारी है। दरअसल, इन चर्चाओं को इसलिए भी बल मिला कि हैदराबाद में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पूर्व पार्टी के एक शीर्ष नेता की टिप्पणी नड्डा के पक्ष में थी।

नड्डा को अगर एक साल का सेवा विस्तार मिलता है तो उनका कार्यकाल जनवरी 2024 तक चलेगा। ऐसे में पार्टी को लोकसभा चुनाव से करीब तीन महीने पहले नया अध्यक्ष मिलेगा। हालांकि, इस बीच इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ अगले साल कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे। इन चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन के साथ ही नड्डा का ग्राफ भी बढ़ेगा।

 

भाजपा के सत्ता में आने पर त्रिपुरा आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा: नड्डा

त्रिपुरा में विधानसभा अभियान की शुरुआत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को यहां कहा कि पार्टी के शासन में पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में चहुंमुखी विकास हुआ है। अगर 2023 में सत्ता में वापस आती है, तो राज्य आर्थिक विकास में नई ऊंचाइयों को छुएगा। त्रिपुरा के दो दिवसीय दौरे पर आए नड्डा ने कहा कि भाजपा के शासन में त्रिपुरा ने बड़े बुनियादी ढांचे के निवेश को आकर्षित किया और औद्योगीकरण को गति मिली है।

 

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में अगले साल की शुरुआत में मतदान होना है। 2018 में हुए चुनाव में भाजपा ने 36 सीटों पर जीत हासिल की थी। कार्यक्रम में नड्डा ने राज्य में 35 साल लंबे चले वामपंथी शासन पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां पर आदिवासियों की अनदेखी की गई। युवाओं का शोषण किया गया और महिला सशक्तिकरण के लिए कोई कल्याणकारी कदम नहीं उठाया गया। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा टीएमसी की जनविरोधी नीति, भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन, महिला अत्याचार के खिलाफ है। राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून के शासन की क्या स्थिति है? वहां एक महिला मुख्यमंत्री है और महिला तस्करी में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है। शर्मनाक!

उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद वहां हिंसा हुई। टीएमसी कानून के राज की अवहेलना करती रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस मूकदर्शक बनी हुई है। भाजपा बंगाल की जनता की आवाज बन गई है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा तीन साल में बंगाल में अपना वोट शेयर तीन फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर सकती है, तो पार्टी पांच साल में 40 फीसदी वोट शेयर भी हासिल कर सकती है। नड्डा ने कहा कि बंगाल के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में जो कुछ हुआ है, उसे देखकर शर्म आनी चाहिए।

जेपी नड्डा ने अपने पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान गुवाहाटी में भाजपा के संगठनात्मक कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। दरअसल, नड्डा दोपहर बाद त्रिपुरा से असम पहुंचें और पुनर्निर्मित ‘पद्म भवन’ का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री सहित पूर्वोत्तर भारत के सभी आठ राज्यों की भाजपा इकाई के अध्यक्ष मौजूद रहे।

जेपी नड्डा ने असम में कहा कि कांग्रेस अब राष्ट्रीय राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक परिवार की पार्टी है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी थी, लेकिन अब यह सही मायने में एक राष्ट्रीय पार्टी नहीं है। कांग्रेस कुछ राज्यों तक सीमित है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य के हर प्रखंड और मंडल में अपना कार्यालय स्थापित करने पर विचार कर रही है। इससे पहले उन्होंने मां कामाख्या के दर्शन किए।

इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा दो से तीन साल के भीतर राज्य के हर मंडल और ब्लॉक में अपने कार्यालय स्थापित करेगी। सरमा ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने और पूर्वोत्तर को इसकी उचित पहचान मिलने के बाद ही पूर्वोत्तर बदला और मुख्यधारा में शामिल हो गया। पूर्वोत्तर भाजपा कार्यालय हमेशा पूर्वोत्तर राज्य के बीच एकता का प्रतीक रहेगा, जो भाजपा के कार्यकाल में और मजबूत हुआ है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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