नई दिल्ली, 4 जनवरी 2025, शनिवार। बीजापुर जिले और बस्तर संभाग के पत्रकारों ने आज शनिवार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर को अंतिम विदाई दी। इस दौरान सभी की आंखें नम रहीं और वे इस हत्याकांड को लेकर बेहद आक्रोशित दिखे। स्थानीय पत्रकारों ने राज्य शासन से इस मामले में आरोपियों को फांसी देने और उनके चल-अचल संपत्ति को नेस्तानाबूद करने की मांग की है। यह मांग पूरे छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा की गई है, जो इस मामले से जुड़े आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग पर अडिग हैं। वन मंत्री और बस्तर सांसद ने घटना की जानकारी लगने के बाद पत्रकार के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। यह घटना पूरे पत्रकार समुदाय और जनता को आक्रोशित कर रही है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनमें मुख्य आरोपी का भाई रितेश चंद्राकर भी शामिल है। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस बीच, मृतक पत्रकार मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने सुप्रीम कोर्ट से मामले को स्वत संज्ञान में लेने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि उनके भाई के शव के क्रियाकर्म के पूर्व या क्रियाकर्म के दिन सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। यह मामला मीडिया और आम जनता के बीच काफी चर्चा में है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश चंद्राकर ने अपने भाई की गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस ने सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके भाई रितेश चंद्राकर समेत कई लोगों पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने रितेश और दो अन्य आरोपियों को दिल्ली से हिरासत में लिया है। युकेश चंद्राकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तीन जनवरी को एक के बाद एक चार पोस्ट की। उन्होंने अपनी पहली पोस्ट में अपने भाई की गुमशुदगी की जानकारी देते हुए लिखा कि उनका भाई एक जनवरी की शाम से लापता है। उन्होंने सभी पत्रकारों, संगठनों, आमजनों, सरकारों से अपने भाई को ढूंढकर वापस लाने की अपील की।
युकेश ने अपनी चौथी पोस्ट में आरोपी रितेश का फोटो अपलोड करते हुए अपनी अंतिम इच्छा का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस चाहिए, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया मौजूद हों, लाइव। उन्होंने यह भी कहा है कि इसे उनके भाई और उनकी अंतिम इच्छा मानी जाए। युकेश ने आज अपनी पोस्ट में मुकेश चंद्राकर के शव का फोटो अपलोड करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए लिखा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय को उनके भाई की हत्या का स्वतः संज्ञान लेकर, यह कोशिश करनी ही चाहिए कि क्रियाकर्म के पूर्व या क्रियाकर्म के दिन सभी दोषियों को फांसी की सज़ा दे दी जाए।
बीजापुर के साहसिक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या : नक्सलियों से लेकर भ्रष्टाचार पर तेज तर्रार पत्रकारिता की मिसाल!
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की कहानी एक साहसिक और निडर पत्रकारिता की मिसाल है। वह नक्सलियों से लेकर भ्रष्टाचार, रिश्वत और स्थानीय समस्याओं पर तेज तर्रार पत्रकारिता किया करते थे। उनकी पत्रकारिता के बदोलत 2023 में एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों से बचाया गया था, जो उनकी बहादुरी का प्रमाण है। लेकिन यह साहसिक पत्रकार एक जनवरी 2025 को अचानक गायब हो गए। परिजनों और पुलिस ने उनकी तलाश की, लेकिन 3 जनवरी को उनका शव आरोपी ठेकेदार के फार्म हाउस स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। यह घटना ने पूरे पत्रकार समुदाय और जनता को आक्रोशित कर दिया है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में बीजापुर में बंद का आह्वान किया गया और पत्रकारों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की संपत्ति को जब्त करने की मांग की। इस घटना ने एक बार फिर से पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई है। मुकेश चंद्राकर की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता और उनकी पत्रकारिता की मिसाल हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी।