रांची, झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खराब परफॉरमेंस के बाद एक तरफ पार्टी नेतृत्व एक्शन मोड में है, हार की समीक्षा को लेकर राँची स्थित प्रदेश कार्यालय में ताबड़तोड़ दो दिनों तक समीक्षा बैठकों का दौर चला, जिसमें बीजेपी के हारे हुए सभी उमीदवारों के साथ साथ , चुनाव प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने स्वयं बैठक की, सभी उमीदवारों से वन टू वन बात कर, उनकी हार के कारण और चुनाव प्रबंधन में खामियों पर चर्चा की।
वहीं, भाजपा की हार के बाद इन दिनों फिर एक बार चर्चा का विषय बन गए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपई सोरेन और सीता सोरेन। दोनों नेताओं को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं, कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं की घर वापसी हो सकती है।
इस बाबत जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय से पूछा गया तो, एक बात स्पष्ट हो गई कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का सीता सोरेन और चंपाई सोरेन को लेकर रुख काफी नरम है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडे ने चंपई सोरेन को जहां पार्टी में अभिभावक के दृष्टिकोण से हम लोग देखते हैं, जबकि सीता भाभी तो परिवार की सदस्य हैं। हालांकि दोनों नेताओं को लेकर फैसला पार्टी के सिर्फ नेतृत्व को लेना है हेमंत सोरेन जी को लेना है ,गुरु जी को लेना है। हालांकि दोनों नेताओं के मन में क्या है यह भी अब तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है। फिलहाल इंतजार करते हैं।
लेकिन उन्होंने एक बड़ी बात कह दी कि भारतीय जनता पार्टी में जिसका ना कोई नियत है ना नीति है ना कोई नेता है , सिर्फ उनका काम धार्मिक उन्माद फैलाना रह गया है वैसी पार्टी में या वैसी जगह पर कोई एक सिद्धांत वाला व्यक्ति (चंपाई और सीता) , झारखंड के हित में सोचने वाला व्यक्ति, उस दल में ज्यादा दिन तक रह पाएगा। हालांकि दोनों नेताओं को लेकर अगर कोई फैसला लेना होगा तो इसके लिए गुरुजी और हेमंत सोरेन जी अधिकृत हैं।
बता दे कि भारतीय जनता पार्टी में 30 नवंबर और 1 दिसंबर को विधानसभा चुनाव में मिली हार और खराब परफॉर्मेंस को लेकर समीक्षा बैठक हुई , बैठक में स्वयं बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे। लेकिन इस बैठक में यहां सभी हारे हुए प्रत्याशी इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे ,वही दूसरी ओर सीता सोरेन बैठक से नदारत रहीं, इसके बाद ही चर्चाएं तेज हो गयीं।
सीता सोरेन के बैठक में नहीं पहुंचने के सवाल पर पूछने, बीजेपी के राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि कुछ लोगों के पर्सनल कार्यों के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं इसमें कुछ गलत नहीं है। पहले भी विधायक दल की बैठक होती है तो कुछ लोग बैठक में नहीं पहुंच पाते हैं। वहीं, सीता सोरेन की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है।