झारखंड के देवघर में पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया, जो केवाईसी नहीं होने का झांसा देकर लोगों को शिकार बनाता था। इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अलग-अलग थाना क्षेत्रों में की गई। आरोपियों के कब्जे से 19 मोबाइल फोन, 31 सिम कार्ड, 7 एटीएम कार्ड, 3 पासबुक, दो डोंगल, साढ़े सात हजार रुपये नगद और दो पहिया वाहन आदि सामान बरामद किया गया। पुलिस ने बदमाशों से पूछताछ शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि ये अपराधी कई अन्य वारदात का खुलासा कर सकते हैं।
ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार
पुलिस के मुताबिक, जिले में साइबर क्राइम की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। अधिकतर लोगों को केवाईसी करने के बहाने ठगा गया था, जिसके बाद पड़ताल की गई। लगातार फोन ट्रेस किए गए और आठ शातिर हत्थे चढ़ गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह में शामिल बदमाश बेहद शातिर हैं। ये लोग फर्जी बैंक अधिकारी और कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर लोगों को झांसे में लेते थे और उन्हें अधूरी केवाईसी के चलते खाता ब्लॉक होने का डर दिखाते थे। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 19 से 35 साल के बीच बताई जा रही है।
पहले भी जेल जा चुके हैं कई बदमाश
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में तीन बदमाश ऐसे हैं, जो पहले भी जेल जा चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नसीम अंसारी (22), अजमीम अंसारी (20), अलाउद्दीन अंसारी (19), गुड्डू कुमार (21), अजय कुमार दास (29), मनोज महरा (35), अनूप कुमार (22) और अमित दास (22) के रूप में हुई। इनमें मनोह महरा, गुड्डू महरा और अजय कुमार दास पहले भी कई मामलों में जेल जा चुके हैं।
कई मामलों का खुलासा होने की उम्मीद
पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि ये आरोपी कई अन्य वारदात का खुलासा कर सकते हैं। गौरतलब है कि झारखंड में साइबर क्राइम के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। ऐसे में कई बार कार्रवाई की गई, लेकिन इस तरह के मामलों पर अब तक पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है।