पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड में सियासी खेल जारी है। राज्य को भले ही चंपई सोरेन के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया है। लेकिन, झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) से पहले ज्यादातर विधायकों को हैदराबाद में रखा गया है। इस पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि वह जनमत को बचाने के लिए सबकुछ करेंगे।
‘जनता का बहुमत बचाएंगे’
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष ठाकुर ने कहा, ‘जब ‘चौकीदार’ चोर बन जाता है, तो अपने ही लोगों से सावधान रहना पड़ता है। इसलिए, इसमें कोई समस्या नहीं है। काफी संघर्ष के बाद हमें इतनी बड़ी जीत मिली है। जब विधायक एक साथ रहना चाहते हैं और एक साथ विश्वास मत का सामना करना चाहते हैं तो इसमें क्या दिक्कत है? आपने देखा है कि बहुमत वाली सरकारों को लूटने का काम किया गया है। जनता को दिए गए मत को लूटने, भावनाओं को कैद करने की किसी को इजाजत नहीं है। हमें इस रणनीति से लाभ हुआ है और भविष्य में भी फायदा होगा। उन्होंने आगे कहा, जब एक मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) बिहार में अपने ही विधायकों को धोखा दे सकता है, तो इन सभी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। जनता के बहुमत को बचाने के लिए हमें जो भी करना होगा, वो करेंगे।’
राज्यपाल पर साधा निशाना
उन्होंने आगे कहा, ‘ये चीजें (फ्लोर टेस्ट) बहुत जल्द की जाएंगी। वह सबसे बुरा समय था जब हमने समर्थन पत्र पेश किया, लेकिन राज्यपाल कानूनी विशेषज्ञों से राय ले रहे थे। क्या राज्यपालों को पता नहीं है कि जब कोई समर्थन पत्र पेश करता है और सरकार बनाने का दावा पेश करता है तो उसे चार घंटे के अंदर शपथ लेनी होती है? इसलिए, कई बार यह एक साजिश की तरह लगता है।’