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Sunday, June 29, 2025

झांसी: एक हादसे ने बिखेर दिया परिवार, थाना प्रभारी शिव कुमार राठौड़ के बेटे की दुखद मृत्यु

झांसी, 12 अप्रैल 2025, शनिवार। शहर के मऊरानीपुर थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह राठौड़ के परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब एक भीषण सड़क हादसे ने उनके इकलौते बेटे सत्यम राठौड़ (27) को हमेशा के लिए उनसे छीन लिया। यह हादसा न केवल एक परिवार की खुशियों को लील गया, बल्कि पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ा गया। शिव कुमार, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन हमेशा पूरी निष्ठा से किया, आज स्वयं असहनीय पीड़ा से जूझ रहे हैं। उनके कूल्हे में गंभीर चोट आई है, जबकि उनकी पत्नी और बहू भी इस हादसे में बुरी तरह घायल हो गई हैं।

हादसे की दर्दनाक कहानी

घटना 11 अप्रैल 2025 की है, जब शिव कुमार अपने परिवार के साथ मैनपुरी से अपनी मां की तेरवी में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के समधन इलाके में उनकी कार अनियंत्रित होकर एक पोल से जा टकराई। इस भीषण टक्कर में कार के परखच्चे उड़ गए। सत्यम, जो अपने परिवार के लिए एकमात्र संबल थे, ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। शिव कुमार, उनकी पत्नी और बहू को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

यह हादसा इतना भयावह था कि प्रत्यक्षदर्शियों के रोंगटे खड़े हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। लेकिन सत्यम को बचाया न जा सका, जिसने परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

शिव कुमार राठौड़, एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिन्होंने मऊरानीपुर थाने में अपनी सेवाओं से लोगों का भरोसा जीता था, आज स्वयं असहाय नजर आ रहे हैं। उनके आवास विकास कॉलोनी, झांसी स्थित घर पर शोक की छाया पसरी है। सत्यम, जो परिवार का इकलौता चिराग था, अपनी मेहनत और लगन से सबका प्रिय बन चुका था। उसकी असमय मृत्यु ने न केवल परिवार, बल्कि दोस्तों और रिश्तेदारों को भी गहरे आघात पहुंचाया है।

घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। पड़ोसी, सहकर्मी और स्थानीय लोग इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं। हर आंख नम है, और हर जुबान पर बस एक ही सवाल—आखिर यह हादसा क्यों हुआ?

सत्यम: एक उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद

सत्यम राठौड़ महज 27 साल के थे, लेकिन उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें अपने क्षेत्र में खास पहचान दिलाई थी। वह अपने माता-पिता के सपनों का आधार थे। परिवार के लिए वह न केवल बेटा, बल्कि एक दोस्त और मार्गदर्शक भी था। उनकी मुस्कान और सकारात्मक सोच हर किसी को प्रेरित करती थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। एक पल में सब कुछ खत्म हो गया, और परिवार अब इस असहनीय नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहा है।

पुलिस और प्रशासन का रुख

हादसे की खबर मिलते ही कन्नौज और झांसी पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। मऊरानीपुर थाने के सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी भी शिव कुमार के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में पुलिस विभाग परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

एक अपील: सड़क सुरक्षा पर ध्यान दें

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी लापरवाही को उजागर करता है। तेज रफ्तार, सड़कों की खराब स्थिति और असावधानी जैसे कारण हर साल हजारों जिंदगियां छीन लेते हैं। शिव कुमार के परिवार पर बीती इस त्रासदी से हमें सबक लेना होगा। सड़क पर चलते समय हमें न केवल अपनी, बल्कि दूसरों की जिंदगी का भी ख्याल रखना चाहिए।

अंत में

शिव कुमार राठौड़ और उनके परिवार के लिए यह दुख असहनीय है। सत्यम की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती, लेकिन इस मुश्किल वक्त में समाज का साथ और प्रार्थनाएं उनके लिए संबल बन सकती हैं। news adda india की संवेदनाएं इस शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर सत्यम की आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।

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