वाराणसी, 23 जून 2025: केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने दो दिवसीय वाराणसी-सोनभद्र दौरे की शुरुआत उत्साह और जोश के साथ की। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत के बाद उन्होंने वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया और केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस दौरान बीएचयू के छात्रों ने उन्हें 11 सूत्रीय मांगों का पत्रक सौंपा, जिस पर उन्होंने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
स्किल इंडिया सेंटर: युवाओं का भविष्य संवारने की मुहिम
दौरे के पहले दिन जयंत चौधरी ने वाराणसी के स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर का जायजा लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अवलोकन करते हुए उन्होंने युवाओं से उनके अनुभव और रोजगार की संभावनाओं पर खुलकर बात की। केंद्र की अत्याधुनिक सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित कोर्सेज की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “यह केंद्र युवाओं को वैश्विक रोजगार बाजार के लिए तैयार कर रहा है। ऐसे संस्थान भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं।”
मान सिंह वेधशाला: सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का संकल्प
जयंत चौधरी ने वाराणसी की ऐतिहासिक मान सिंह वेधशाला (जंतर मंतर) का दौरा कर भारतीय वैज्ञानिक परंपराओं को नजदीक से समझा। पुरातत्व विशेषज्ञों और स्थानीय अधिकारियों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी वैज्ञानिक विरासत अनमोल है। मान सिंह वेधशाला जैसे स्मारकों का संरक्षण हमारी सांस्कृतिक बौद्धिकता को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने का माध्यम है।”
7 हजार करोड़ की योजना: युवाओं को रोजगार का नया रास्ता
केंद्र सरकार की नई पहल का जिक्र करते हुए जयंत चौधरी ने ऐलान किया कि 7 हजार करोड़ रुपये की लागत से देशभर में स्किल डेवलपमेंट और ITI योजना शुरू की जा रही है। उद्योग जगत की भागीदारी से नई इंडस्ट्री खड़ी करने वाली इस योजना से युवा आत्मनिर्भर बनेंगे और भारत वैश्विक औद्योगिक ताकत के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य हर युवा को रोजगार के लिए तैयार करना है।”
बिहार पर विशेष ध्यान
जयंत चौधरी ने बिहार को प्राथमिकता देते हुए कहा, “बिहार से देश की सत्ता का रास्ता तय होता है। हमारी पार्टी यूनिट वहां युवाओं तक योजनाएं पहुंचाएगी।” उन्होंने बताया कि नेशनल स्किल बिल्डिंग कॉरपोरेशन (NSBC) के साथ मिलकर स्किलिंग और इंडस्ट्री को जोड़ने का ठोस फॉर्मूला तैयार किया गया है। जयंत चौधरी का यह दौरा न केवल युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि वाराणसी की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहरों को संरक्षित करने के उनके संकल्प ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।