नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुआ एक दर्दनाक हादसा, जिसमें कई बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवाई, ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस त्रासदी ने न केवल प्रभावित परिवारों पर दुखों का पहाड़ तोड़ा, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था और सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखते हुए भाजपा की संवेदनहीनता, रणनीतिक चूक और सुरक्षा नीतियों की विफलता को उजागर किया।
भाजपा की संवेदनहीनता: ‘बचकाना विज्ञापन’ का पाप
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया कि उसने इस दुखद हादसे का इस्तेमाल अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के इस हादसे पर ‘बचकाना विज्ञापन’ छापकर साबित कर दिया कि उनकी संवेदनाएं उन लोगों के प्रति शून्य हैं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई और जिनके परिवार दुख की इस घड़ी में टूट चुके हैं। अखिलेश ने इसे ‘घोर निंदनीय’ करार देते हुए कहा कि भले ही भाजपा अब यह विज्ञापन हटवा ले, लेकिन यह ‘पाप’ उनके कट्टर समर्थक भी माफ नहीं करेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा पर आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर तलाशती है, चाहे वह किसी की जान की कीमत पर ही क्यों न हो। यह बयान न केवल भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि उनकी प्राथमिकताओं को भी कठघरे में खड़ा करता है।
सुरक्षा में चूक: सरकार की जवाबदेही पर सवाल
जम्मू-कश्मीर में हुए इस हमले ने केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि जब जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने मनमुताबिक किया, तो इतने लोगों की असामयिक मौत की जिम्मेदारी से वह पल्ला कैसे झाड़ सकती है? उन्होंने केंद्र सरकार की खुफिया और सुरक्षा तंत्र की नाकामी पर जोर देते हुए कहा कि यदि सरकार ने पिछले हमलों से सबक लिया होता, तो वह पहले से सचेत रहती और इस वीभत्स घटना को रोका जा सकता था।
यह हमला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर हुआ, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से लोग मौजूद थे। अखिलेश ने तीखा सवाल उठाया कि जब भाजपा और उनके सहयोगी देशवासियों को जम्मू-कश्मीर घूमने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, तो उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से क्यों नहीं किए गए? उन्होंने इसे सरकार की रणनीतिक चूक करार दिया और कहा कि यह विडंबना है कि एक ओर भाजपा के नेता कई घेरों की सुरक्षा में चलते हैं, वहीं आम नागरिकों को मौत के मुंह में धकेल दिया जाता है।
अग्निवीर योजना और सुरक्षा बलों की कमी
अखिलेश ने भाजपा की सुरक्षा नीतियों पर भी गहरी चोट की। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों की संख्या में कमी, दोयम दर्जे के हथियारों और युद्ध वाहनों की खरीद, और ‘अग्निवीर’ जैसी योजनाओं ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया है। अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार यह बहाना बनाती है कि सुरक्षा बलों की कमी है, तो इसके लिए भी वही जिम्मेदार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी नीतियां न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ती हैं, बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के प्रतिशोध का कोई दावा अब जनता को बहका नहीं सकता, क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया उन परिवारों के प्रियजनों को वापस नहीं ला सकती, जिन्होंने अपनों को खो दिया। यह बयान न केवल सरकार की नीतियों की आलोचना करता है, बल्कि प्रभावित परिवारों के दर्द को भी रेखांकित करता है।
इतिहास और भविष्य में भाजपा की भूमिका
अखिलेश ने अपने बयान में भाजपा और उनके सहयोगियों की ऐतिहासिक भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा ने देश की आजादी में कोई योगदान दिया, न ही वे आजादी को बचाने में कोई भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह दावा किया कि लाख माफी मांगने पर भी भारत का इतिहास और भविष्य भाजपा को माफ नहीं करेगा। यह बयान न केवल भाजपा की राजनीतिक विरासत को चुनौती देता है, बल्कि उनके वर्तमान कार्यकलापों पर भी गहरी चोट करता है।
संवेदना और श्रद्धांजलि
अपने बयान के अंत में, अखिलेश ने उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में उनकी सच्ची संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं और उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।