नई दिल्ली, 8 जून 2025, रविवार: ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर के ठीक एक महीने बाद, ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी दो दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर है, जिसमें आर्थिक और सुरक्षा सहयोग के नए द्वार खुलने की उम्मीद है।
शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और लैमी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता हुई। इस दौरान जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “भारत आतंकवादियों को पीड़ितों के समकक्ष रखने में विश्वास नहीं करता। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे सहयोगी इस नीति का सम्मान करेंगे।” जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ब्रिटेन के समर्थन के लिए आभार भी जताया।
एफटीए: एक ऐतिहासिक कदम
जयशंकर ने 6 मई को हुए भारत-ब्रिटेन एफटीए और डबल कंट्रीब्यूशन समझौते को “मील का पत्थर” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल व्यापार और निवेश को रफ्तार देगा, बल्कि दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों को भी मजबूती प्रदान करेगा। इसके साथ ही, दोनों देशों ने रणनीतिक निर्यात और तकनीकी सहयोग पर एक नया डायलॉग शुरू किया है। ब्रिटेन-भारत इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंशल फ्रेमवर्क भी भारत में वित्तीय प्रवाह को सुगम बनाएगा, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में क्रांतिकारी योगदान दे सकता है।
लैमी का दौरा: आर्थिक और प्रवासन साझेदारी पर फोकस
लैमी के दौरे को ब्रिटिश उच्चायोग ने आर्थिक और प्रवासन साझेदारी के लिहाज से अहम बताया। ब्रिटेन के लिए माइग्रेशन एक प्रमुख एजेंडा है, और एफटीए के लागू होने से दोनों देशों के बीच व्यापार में हर साल 25 बिलियन पाउंड की वृद्धि की उम्मीद है। लैमी ने कहा, “भारत के साथ यह ट्रेड डील सिर्फ शुरुआत है। हम एक महत्वाकांक्षी और आधुनिक साझेदारी की दिशा में बढ़ रहे हैं।” गौरतलब है कि लैमी ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का वादा किया था।
नई ऊंचाइयों की ओर भारत-ब्रिटेन रिश्ते
लैमी का यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक सहयोग का प्रतीक है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से लेकर व्यापार और तकनीकी सहयोग तक, दोनों देश एक ऐसी साझेदारी की नींव रख रहे हैं, जो वैश्विक मंच पर गहरे और सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगी।