विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर लैटिन अमेरिका के तीन प्रमुख देशों ब्राजील, अर्जेंटीना व पराग्वे के दौरे पर हैं। जयशंकर सोमवार को अपनी यात्रा के पहले पड़ाव के तहत पराग्वे पहुंचे। यहां उन्होंने पराग्वे के विदेश मंत्री जूलियो सीजर एरियोला के साथ “सार्थक” बातचीत की और इस दौरान उन्होंने सहयोग के नए क्षेत्रों के साथ ही दुनिया की स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह पराग्वे का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 60 वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को यहां कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई शक्ति है और आकार एवं जनसंख्या दोनों के मामले में एशिया में एक क्षेत्रीय शक्ति है। जयशंकर ने कहा कि यह वर्ष भारत के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, खासकर ऐसे समय जब 15 अगस्त को इसने स्वतंत्र अस्तित्व के 75 वर्ष पूरे किए। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई शक्ति है और आकार तथा जनसंख्या दोनों के मामले में एशिया में एक क्षेत्रीय शक्ति है।
पराग्वे की राजधानी एसनसियोन में जयशंकर ने कहा कि “जब द्विपक्षीय संबंधों की बात आती है तो मेरा संदेश दोनों देशों के बीच निश्चित रूप से उन्नत राजनीतिक सहयोग, मजबूत आर्थिक सहयोग, एक बड़ी विकास साझेदारी और अधिक प्रशिक्षण के लिए आदान-प्रदान के संबंध में होता है। जयशंकर ने एरियोला के साथ संयुक्त प्रेस बयान में कहा, “आज, हमने बहुत सार्थक बातचीत की। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। हमने विकास, व्यापार, विकास साझेदारी और निवेश को लेकर चर्चा की।”
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के अलावा ऐसे कई अन्य क्षेत्र हैं जहां दोनों पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं जैसे संस्कृति, नागरिक समाज, स्वास्थ्य, शिक्षा और पारंपरिक चिकित्सा। जयशंकर ने परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में कहा, “विश्व की स्थिति पर हमने बहुत अच्छी बातचीत की। हमने अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के प्रति साझा प्रतिबद्धता जताई।, ऐसा विश्व जो अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करता हो, समझौतों का सम्मान करता हो और बहुपक्षवाद का समर्थन करता हो।’’ जयशंकर ने एरियोला को आश्वासन दिया कि उनके लिए भारत एक बहुत अच्छा भागीदार होगा। एरियोला ने कहा कि पराग्वे की इस क्षेत्र में भारत का रणनीतिक भागीदार बनने में गहरी रुचि है।
उन्होंने पराग्वे के औद्योगिक संघ में एक व्यापारिक सभा को संबोधित किया। जयशंकर ने इस सभा में शामिल होने के लिए पराग्वे के वाणिज्य और उद्योग मंत्री लुइस अल्बर्टो कास्टिग्लिओनी को धन्यवाद दिया। उन्होंने पराग्वे में भारतीय दूतावास का भी उद्घाटन किया और कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि इस देश में दूतावास के साथ, हमारे बीच सहयोग के अवसर बढ़ेंगे।”
जयशंकर ने कहा कि “व्यापार और निवेश हमारी द्विपक्षीय गतिविधियों का केंद्र बिंदु होगा। मैंने भारत में अवसरों को तलाशने के लिए पराग्वे के व्यवसायियों को आमंत्रित किया। विश्वास है कि भारतीय व्यवसाय पराग्वे में समान रूप से सक्रिय होंगे।”
बाद में, जयशंकर ने पराग्वे के राष्ट्रपति मारितो अब्दो से भी मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से व्यक्तिगत तौर पर शुभकामनाएं दीं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “मेरा स्वागत करने के लिए पराग्वे के राष्ट्रपति मारितो अब्दो का धन्यवाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों एवं वैश्विक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं।”
इससे पहले, जयशंकर ने महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया और ऐतिहासिक कासा डे ला इंडिपेंडेंसिया का दौरा किया, जहां से दो शताब्दी से अधिक पहले दक्षिण अमेरिकी देश का स्वतंत्रता आंदोलन शुरू हुआ था।