नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025, सोमवार। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में बंद सांसद अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद को संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए सोमवार को दो दिन की अभिरक्षा पैरोल की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा कि रशीद 11 और 13 फरवरी को संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। रशीद पर जमानत के रूप में कुछ शर्तें लगाई गई हैं, जिनमें मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करना भी शामिल है।
बारामूला के सांसद पर आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मुकदमा चल रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों का वित्त पोषण किया। रशीद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दावा किया कि पिछले वर्ष लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें असमंजस में डाल दिया था, क्योंकि यह विशेष एमपी/एमएलए अदालत नहीं थी और इस तरह उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अंतरिम राहत के तौर पर उन्होंने अभिरक्षा पैरोल दिये जाने का अनुरोध किया।
एनआईए के वकील ने अभिरक्षा पैरोल दिये जाने का विरोध करते हुए कहा कि रशीद को संसद की कार्यवाही में शामिल होने का कोई निहित अधिकार नहीं है और उन्होंने राहत मांगते समय कोई ”विशिष्ट उद्देश्य” नहीं बताया है। एजेंसी ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी जताईं। रशीद को 2019 में धनशोधन के एक मामले में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनका मामला जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने से जुड़ा है।