इसरो ने अपना महात्वाकांक्षी स्पैडेक्स मिशन लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार रात 10 बजे इसे लॉन्च कर दिया। इस मिशन के साथ भारत फिर कमाल करने की तैयारी में है। इसरो ने इस साल की शुरुआत अंतरिक्ष में एक्सरे किरणों का अध्ययन करने वाले मिशन एक्सपोसेट की लॉन्चिंग के साथ की थी। इसके कुछ ही दिनों बाद अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य’ में कामयाबी हासिल की।
अब वर्ष का अंत भी भारत ऐसे मिशन की लॉन्चिंग के साथ कर रहा है, जो अंतरिक्ष में देश के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को अपने बलबूते हासिल करने के लिए बेहद जरूरी है। इन लक्ष्यों में चंद्रमा से नमूने लाना, और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण शामिल है।
स्पैडेक्स मिशन के साथ ही भारत डाकिंग और अनडाकिंग क्षमता प्रदर्शित करने का चौथा देश बनेगा। इस समय दुनिया में सिर्फ तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष में डाक करने में सक्षम हैं। बता दें कि अंतरिक्षयान से दूसरे अंतरिक्षयान के जुड़ने को डाकिंग और अंतरिक्ष में जुड़े दो अंतरिक्ष यानों के अलग होने को अनडाकिंग कहते हैं।
मिशन के तहत श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार रात 10 बजे पीएसएलवी-सी60 रॉकेट ने दो छोटे अंतरिक्षयानों के साथ उड़ान भरी। हालांकि पहले लांचिंग रात 9.58 बजे निर्धारित थी। लांचिंग को दो मिनट के लिए क्यों टाला गया यह जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले इसरो ने सोमवार को अपडेट में कहा था, ‘प्रक्षेपण का दिन आ गया है। रात ठीक 10 बजे स्पैडेक्स पीएसएलवी-सी60 प्रक्षेपण के लिए तैयार है। रविवार रात नौ बजे शुरू हुई 25 घंटे की उल्टी गिनती जारी है।’