प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को इस्राइल ने अस्वीकार कर दिया है। इसकी जानकारी पीएम नेतन्याहू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दी।
पीएम नेतन्याहू ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘इस्राइल हेग में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के अधिकार और प्रधानमंत्री व पूर्व रक्षा मंत्री के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट की वैधता से इनकार करता है। अगर आईसीसी ने अपील खारिज कर दी, तो अमेरिका और दुनियाभर में इस्राइल के दोस्तों को यह समझ में आ जाएगा कि आईसीसी इस्राइल के खिलाफ कितना पक्षपाती है।’
फॉलो-अप पोस्ट में नोट किया गया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यरूशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय में अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आईसीसी के खिलाफ अमेरिकी कांग्रेस में आगे बढ़ने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
हाल ही में, हेग में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने इस्राइली पीएम नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। आरोपों में गाजा में नागरिकों को निशाना बनाने और भुखमरी की नीतियां लागू करने के आरोप शामिल हैं।
पीएम नेतन्याहू ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि इस्राइल ने आईसीसी से अपील करने का फैसला किया है। साथ ही गिरफ्तारी वारंट को लागू करने में देरी की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि आईसीसी का वारंट निराधार है और इसके पीछे कोई ठोस तथ्य या कानूनी आधार नहीं है।
इससे पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक प्रेस ब्रीफिंग में आईसीसी के फैसले पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम वरिष्ठ इस्राइली नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के अदालत के फैसले को मौलिक रूप से खारिज करते हैं। उन्होंने वारंट मांगने में अभियोजक की जल्दबाजी की आलोचना की और परेशान करने वाली प्रक्रिया की त्रुटियों की ओर इशारा किया, जिसके कारण यह नतीजा निकला।