तेहरान/तेल अवीव, 14 जून 2025: मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, क्योंकि इजराइल ने लगातार दूसरे दिन ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। शुक्रवार देर रात शुरू हुए इन हमलों में इजराइली वायुसेना ने ईरान के प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र नतांज सहित कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजराइल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए, जिससे तेल अवीव और यरुशलम जैसे शहरों में विस्फोटों की आवाजें गूंजीं। इन हमलों में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं।
हमलों की शुरुआत और इजराइल का दावा
इजराइल ने शुक्रवार तड़के “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ढांचे पर हमला शुरू किया। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ये हमले “ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने” के लिए जरूरी थे। उन्होंने कहा, “हमने ईरान के नतांज में मुख्य संवर्धन सुविधा, प्रमुख सैन्य कमांडरों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाया। यह केवल शुरुआत है।” इजराइली सेना ने बताया कि उनके 200 फाइटर जेट्स और मोसाद की टीमों ने ईरान के भीतर और बाहर से समन्वित हमले किए।
इजराइल का कहना है कि नतांज में ऊपरी संवर्धन संयंत्र पूरी तरह नष्ट हो गया है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की कि नतांज में रेडिएशन का स्तर सामान्य है। ईरान के अन्य परमाणु केंद्र, जैसे इस्फहान और फोर्डो, पर हमले की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई
ईरान ने इजराइल के हमलों को “युद्ध की घोषणा” करार देते हुए तत्काल जवाबी हमले शुरू किए। शुक्रवार रात ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इजराइल पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। तेल अवीव और रमत गन जैसे शहरों में मिसाइलों के गिरने की खबरें आईं, जिससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा। इजराइल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को नष्ट किया, लेकिन कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचीं, जिसके परिणामस्वरूप एक महिला की मौत और सात लोग घायल हो गए।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इजराइल को “कठोर सजा” देने की धमकी दी है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने कहा, “हम अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं रोकेंगे, और इजराइल के हमलों का जवाब उसी तरह दिया जाएगा।”
हैरान करने वाली हत्याएं
इजराइल के हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए। इनमें IRGC के कमांडर जनरल होसैन सलामी, सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, और खातम अल-अंबिया मुख्यालय के कमांडर मेजर जनरल गोलम अली रशीद शामिल हैं। इसके अलावा, छह परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की भी पुष्टि हुई है, जिनमें 2011-2013 तक ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख फरेदौन अब्बासी भी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम” बरतने की अपील की है। IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि नतांज में हमले के बावजूद रेडिएशन का कोई असामान्य स्तर नहीं मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका इन हमलों में शामिल नहीं था, लेकिन इजराइल ने उन्हें “आत्मरक्षा” के लिए जरूरी कदम के बारे में सूचित किया था। ट्रम्प ने ईरान को 60 दिन की समयसीमा दी थी, जिसके बाद यह हमला हुआ।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
इन हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। तेल की कीमतों में 7% की उछाल देखी गई, क्योंकि निवेशकों को डर है कि यह संघर्ष क्षेत्रीय तेल निर्यात को प्रभावित कर सकता है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने इसे “खतरनाक क्षण” बताया और सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा।