नई दिल्ली, 5 मई 2025, सोमवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने आतंकवादियों को “कल्पना से परे” सजा देने की बात कही, ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाई दे दी है। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, और सीमा पर कुछ बड़ा होने की आशंका जताई जा रही है। सवाल यह है कि क्या यह युद्ध का ऐलान है, या फिर पाकिस्तान को कई टुकड़ों में बांटने की एक सोची-समझी रणनीति?
पाकिस्तान में बिखराव की आग
पाकिस्तान पहले से ही आंतरिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। बलूचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान, और खैबर-पख्तूनख्वा जैसे क्षेत्रों में अलगाववादी आंदोलन तेज हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में स्वतंत्रता या अलग प्रांत की मांग दशकों से चली आ रही है। खैबर-पख्तूनख्वा, जहां इमरान खान की पार्टी का प्रभाव है, अफगानिस्तान से जुड़ा हुआ है और वहां तालिबान समर्थित लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। दूसरी ओर, बलूचिस्तान में विद्रोह की चिंगारी सुलग रही है। 2016 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने साफ कहा था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा, तो उसे बलूचिस्तान गंवाना पड़ सकता है।
इसके अलावा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भारत का दावा और मजबूत हो रहा है। अगर तनाव बढ़ता है, तो पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट सकता है: मूल पाकिस्तान, बलूचिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान, और पीओके। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी।
भारत की ताकत, पाकिस्तान की कमजोरी
युद्ध की स्थिति में भारत कई मोर्चों पर पाकिस्तान से कहीं आगे है। आइए, तीन प्रमुख पहलुओं पर नजर डालें:
आर्थिक शक्ति: भारत की जीडीपी 4.27 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया के टॉप-5 देशों में शुमार है। वहीं, पाकिस्तान की जीडीपी महज 373 बिलियन डॉलर है, जो भारत की तुलना में नगण्य है। आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान युद्ध के लिए जरूरी संसाधन जुटाने में सक्षम नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: भारत को रूस, इजराइल, और कई अन्य देशों का खुला समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास चीन और तुर्की जैसे सहयोगी हैं, लेकिन ये देश खुलकर उसका साथ देने की स्थिति में नहीं हैं। वैश्विक मंच पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है।
सैन्य ताकत: भारत के पास 14 लाख प्रशिक्षित सैनिक, 4200 टैंक, और करीब 200 परमाणु हथियार हैं। इसके मुकाबले पाकिस्तान के पास 6 लाख सैनिक, केवल 26 टैंक, और 170 परमाणु हथियार हैं। सैन्य शक्ति में भारत का दबदबा साफ दिखता है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पानी की आपूर्ति रोकने जैसे कूटनीतिक कदमों के साथ-साथ पीएम मोदी का बयान साफ संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ और सख्ती बरतेगा। दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, और सीमा पर तनाव चरम पर है।
क्या होगा अगला कदम?
क्या यह युद्ध की शुरुआत है, या फिर पाकिस्तान को आर्थिक, कूटनीतिक, और सैन्य रूप से कमजोर कर उसके टुकड़े करने की रणनीति? यह सवाल अभी अनुत्तरित है। लेकिन एक बात साफ है: भारत अब आतंकवाद के खिलाफ “सर्जिकल स्ट्राइक” से आगे बढ़कर “कल्पना से परे” कार्रवाई करने को तैयार है। अगर पाकिस्तान ने अपनी नीतियां नहीं बदलीं, तो वह न सिर्फ युद्ध हार सकता है, बल्कि अपनी अखंडता भी खो सकता है।
यह समय दोनों देशों के लिए निर्णायक है। क्या इतिहास फिर से लिखा जाएगा? जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।