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वाराणसी, 11 मार्च 2025, मंगलवार। काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी की परंपरा को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कल काशी के इतिहास का काला दिन था जब बाबा विश्वनाथ और माँ गौरा की प्रतिमा का मुंह ढंककर महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर ले जाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि शाम को जब रंगभरी की परंपरा निभाने की बारी आई तो अधिकारियों ने मंदिर की मूर्ति को गर्भ गृह में विराजमान करा दिया और महंत आवास से आई प्रतिमा को सत्यनारायण मंदिर में छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद विवाद बढ़ा और विरोध शुरू हुआ, जिसके बाद महंत आवास से गई प्रतिमा को गर्भ गृह में जमीन पर रख दिया गया।
अजय राय ने सवाल उठाया कि काशीवासियों की तीन सौ साल पुरानी परंपरा तो बची लेकिन बाबा की प्रतिमा का यह अपमान क्यों? इस सवाल का जवाब हर काशी वासी मांग रहा है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी परंपरा का अपमान: बीजेपी सरकार पर किशन दीक्षित का तीखा हमला
काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी की परंपरा को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में सपा नेता एवं महामृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित ने भी बीजेपी सरकार व स्थानीय प्रशासन पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बाबा विश्वनाथ और माँ गौरा की प्रतिमा का मुंह ढंककर महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर ले जाने की घटना काशी के इतिहास में एक काला धब्बा है।
किशन दीक्षित ने आगे कहा है कि यह घटना न केवल काशी की परंपराओं का अपमान है, बल्कि यह भगवान विश्वनाथ की भक्ति और आस्था के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या यह घटना काशी की परंपराओं और आस्था के साथ खिलवाड़ करने की एक साजिश है? इस सवाल का जवाब हर काशी वासी मांग रहा है।