दिल्ली में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमितों को लेकर लोगों का अमानवीय व्यवहार भी सामने आने लगे हैं। रविवार शाम ऐसा ही एक मामला कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन पर सामने आया। जहां करीब छह घंटे से एक कोरोना संक्रमित युवक बैठा हुआ था क्योंकि उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसके मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया। संक्रमित युवक अस्पताल भी गया, लेकिन वहां उसे डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया, तो बेसहारा युवक मेट्रो स्टेशन आकर घंटो बैठा रहा। हालांकि शहीद भगत सिंह सेवा दल के वॉलंटियरों ने उसकी मदद की और फिर उसे सुल्तानपुरी स्थित कोविड़ केयर सेंटर में भर्ती कर दिया। जहां उसका उपचार किया जा रहा है।
पंजाब स्थित फरीदकोट के रहने वाले 26 वर्षीय युवक ने बताया कि वह पिछले तीन साल से कस्तुरबा नगर में किराए के मकान में रहता है और निजी कम्पनी में नौकरी करता है। उसने बताया कि कई दिनों से उसकी तबीयत खराब थी, ऐसे में उसने शनिवार को अपनी कोरोना जांच करवाई। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद उसे होम क्वारंटाइन के लिए बोला गया। वह अपने किराए के मकान में पहुंचा और उसने मकान मालिक को अपनी रिपोर्ट के बारे में बताया। जिसके बाद मकान मालिक ने तुंरत उसे घर से बाहर जाने के लिए बोल दिया। मकान मालिक ने उसका सामान तक नहीं लेने दिया और उसे घर से निकाल दिया।
अस्पताल में नहीं किया भर्ती
घर से निकाल देने के बाद युवक गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों से उसे भर्ती करने से मना कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि उसकी स्थिती गंभीर नहीं है। ऐसे में उसे भर्ती नहीं किया जा सकता। जिसके बाद पीड़ित युवक कड़कड़ डूमा मेट्रो स्टेशन आकर बैठ गया।
फेसबुक से मिली मदद
युवक ने बताया कि घंटे भूखा-प्यासा रहने के बाद उसने याद आया कि वह फेसबुक पर शहीद भगत सिंह सेवा दल के ज्योतजीत को फॉलो करते हैं। उन्होंने फेसबुक से ज्योतजीत सिंह का नम्बर लिया और आपबीती उन्हें बताई। जिसके बाद ज्योतजीत सिंह अपनी टीम के साथ मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे और वहां से संक्रमित युवक को एम्बुलेंस में लेकर कई कोविड सेंटर पर गए। जहां पता चला कि पूर्वी दिल्ली के कई सेंटर बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में शहीद भगत सिंह सेवा दल की टीम ने सुल्तानपुरी कोविड केयर सेंटर में बात की और करीब 4 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद युवक को उपचार के लिए वहां भर्ती किया।