इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के एक सुझाव ने लोगों में हलचल मचा दी है। उनके बयान पर सोशल मीडिया में तमाम प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। देश में कार्य उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए भारत के युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए वाले बयान को जेएसडब्ल्यू अध्यक्ष सज्जन जिंदल समेत कई लोगों का समर्थन मिला है। लेकिन इस मुद्दें पर चिकित्सकों की राय पूरी तरह से अलग है। सोशल मीडिया में एक पोस्ट करते हुए डॉ. कृष्णमूर्ति ने एक औसत पेशेवर के काम और अन्य प्रतिबद्धताओं के बीच दिन को विभाजित करने में बिताए गए समय का विवरण दिया।
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के बयान पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। कई उद्योगपतियों ने उनके कार्य सप्ताह वाले बयान का समर्थन किया है। वहीं कई लोगों ने उनकी कड़ी आलोचना की है। साथ ही कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके इस बयान को अमानवीय करार दिया। शुक्रवार को बंगलूरू स्थित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने भी इस मुद्दे पर विचार किया और अनुचित कार्य घंटों वाले कार्य शेड्यूल के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों का खुलासा किया।